'सजनी करती है इंतजार साजन आते नहीं ' : कुंवारों की शादी पर सिस्टम की मार, सरकार ने रोक रखा कई बारात !

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मुजफ्फरपुर : अजीबो गरीब मामला सामने आ रहा है मुजफ्फरपुर से जहां एक इलाका ऐसा है जिधर शादी ब्याह के सीजन में दूल्हे की बारात निकलती तो है लेकिन लड़की के दरवाजे तक पहुंच नहीं पाती है। इलाके के लोग इसका जिम्मेदार सीधा सरकार को मानते हैं। हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए लोगों ने खुद ही कमर कस रखी है। शादी ब्याह का सीजन शुरू होने के पहले ही लोगों ने 'रास्ता' बनाना शुरू कर दिया है।

मामला मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड के सुंदर खोली गांव का है जो कि दो नदियों के बीच बसा हुआ है। जिसकी आबादी 5000 से भी अधिक है। यहां आजादी से लेकर अब तक आने जाने का रास्ता बना ही नहीं है। लोग चचरी पुल का निर्माण करवाते हैं तब जाकर समस्या का कुछ हद तक समाधान निकल पाता है। चचरी पुल या नाव ही लोगों का सहारा बनता है। हर वर्ष बाढ़ में तो चचरी पुल बर्बाद हो जाती है और फिर वहीँ समस्या फिर सभी के सामने खड़ी हो जाती है। ग्रामीण के द्वारा चचरी पुल बच्चों के पठन-पाठन और बेटियों की शादी विवाह को लेकर ही बनाई जाती है। जैस रिश्तेदार और बारात आसानी से गांव में पहुंच सके।

बता दे कि यहां के लोग जनवरी माह में आजादी से लेकर आज तक चचरी पुल का निर्माण करवाते आ रहे हैं। जिससे शादी विवाह में परेशानी नहीं होती है आसानी से बेटियों की डोली चचरी पुल से आसानी से पार हो जाती है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यहां चुनाव के दौरान को राजनेता आते पुल निर्माण का वादा भी करते लेकिन जीतने के बाद इस गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखते। वर्षों से चंदा इकट्ठा कर पुल निर्माण करवाने की परंपरा हम लोग निभाते आ रहे ज्यादातर शादी के सीजन में ही चचरी पुल का निर्माण होता है।

वहीं स्थानीय पंचायत मुखिया पहलाद कुमार का कहना है हम लोग तो बचपन से इस गांव की दुर्दशा को देखते आ रहे हे।।लोग तो चचरी पुल या नाव‌ के सहारा से ही आवागमन करते हैं। हम लोगों ने अपने अस्तर से कई बार पदाधिकारियों को भी अवगत करवाया लेकिन किसी का ध्यान इस गांव की तरफ नहीं है।

चन्दन चौधरी की रिपोर्ट


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