'मोदी सरकार नहीं चाहती जातीय गणना' : जगलाल चौधरी जयंती पर राहुल गांधी का दलित वोटबैंक पर रहा फोकस, कहा : 'पावर स्ट्रक्चर में दलितों की भागीदारी नहीं'
PATNA : चुनावी साल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक महीने के भीतर दूसरी बार बिहार पहुंचे। इस बार मौका था जगलाल चौधरी की जयंती का, जिसका आयोजन पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में हुआ। दरअसल, ये तैयारी बिहार विधानसभा चुनाव और सालों से हाशिये पर पड़ी कांग्रेस में जान फूंकने की है लिहाजा राहुल गांधी महीने भर के भीतर दूसरी बार पटना पहुंचे और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ समर्थकों को गोलबंद करने की कोशिश करते दिखे।
'पावर स्ट्रक्चर में दलितों की भागीदारी नहीं'
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जगलाल चौधरी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए राहुल गांधी ने हुंकार भरी और कहा कि 'आज हिंदुस्तान का जो पावर स्ट्रक्चर है, संस्थाएं हैं। शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, कॉरपोरेट इंडिया हो, ज्युडिशियरी हो, इसमें आपकी भागीदारी कितनी है। लोग कहते हैं कि दलितों को रिप्रजेंटेंशन मिला लेकिन पावर स्ट्रक्चर में शामिल नहीं किया गया।'
मीडिया में दलितों की भागीदारी नहीं
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक उदाहरण से समझाता हूं कि ये मीडिया के मित्र हैं, इनकी बड़ी-बड़ी कंपनियां है। इनको हर स्टेट की सरकार विज्ञापन देती है तो सीधा सरकार इनकी फंडिंग कर रही है। आप मीडिया कंपनियों की लिस्ट निकालिए, उसमें एक भी दलित नहीं मिलेगा। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि 16 परसेंट आपकी आबादी है। दलितों के बारे में इतिहास की किताबों में मैंने 2-3 लाइन पढ़ी थी। क्या आपकी हिस्ट्री नहीं है क्या? दो लाइन दलित और अछूत। इन दो लाइन से आपका दर्द मिट जाएगा क्या?
200 बड़ी कंपनियों के मालिक में एक दलित नहीं
वहीं, राहुल गांधी ने ये भी कहा कि 200 बड़ी कंपनियों के मालिक में एक भी दलित नहीं है। आप GST देते हो। ये शर्ट जो आपने पहनी है, इसी शर्ट को अगर अडानी पहनेगा तो वो भी GST देगा। 200 बड़ी कंपनियों के मालिक में एक दलित, एक ओबीसी नहीं है। उन्होंने कहा कि 90 लोग देश का बजट डिसाइड करते हैं। बजट का हर पैसा, हर रुपये 90 लोग बांटते हैं। मैंने इनकी लिस्ट निकाली। 90 में से 3 दलित हैं। आपकी आबादी 16 फीसदी है। इन 90 में से जो 3 अफसर हैं, वो छोटे-छोटे विभाग में हैं। अगर 100 रुपये केंद्र सरकार बजट में बांटती है तो एक रुपये की भागीदारी आपकी है।
राहुल गांधी ने जातीय गणना पर दिया जोर
इसके साथ ही राहुल गांधी ने एकबार फिर जातीय गणना पर जोर दिया और कहा कि जातीय गणना बता देगा कि दलित, आदिवासी, जनरल वर्ग कौन है? फिर हम हिंदुस्तान के सारे संस्थान की लिस्ट निकालेंगे, फिर उसमें पता लगाएंगे कि उसमें असलियत में दलितों, ओबीसी की कितनी भागीदारी है। नरेंद्र मोदी, RSS, बीजेपी जाति जनगणना नहीं कराना चाहती लेकिन मैं दलित ओबीसी आदिवासी को उनकी भागीदारी दिलवाना चाहता हूं।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं ऐसा दिन देखना चाहता हूं, जब इंडिया की हर संस्था में लीडरशीप में दलित वर्ग के लोग आएं। मैं वो दिन देखना चाहता हूं, जब देश की टॉप-10 कंपनियों में दलित समुदाय के लोग आएं।
कौन थे जगलाल चौधरी?
विदित है कि जगलाल चौधरी स्वतंत्रता सेनानी, दलित नेता और राजनीतिज्ञ थे। वे मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर असहयोग आंदोलन में शामिल हुए। नमक सत्याग्रह में भाग लेने की वजह से जेल गये। 1942 में छपरा में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया और गरखा में पुलिस स्टेशन के साथ डाकघर पर कब्जा कर लिया। उन्हें 5 साल की कारावास की सजा सुनाई गई। जगलाल चौधरी बिहार में सामाजिक सुधार के समर्थक थे। आबकारी मंत्री के रूप में उन्होंने बिहार में शराबबंदी लागू की। जयंती पर उन्हें याद किया गया।