Bihar : तनिष्क शोरुम लूटकांड में एक्शन में IG शिवदीप लांडे, इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ निलंबन की कर दी अनुशंसा

Edited By:  |
Reported By:
 Purnia IG Shivdeep Lande in action in Tanishq showroom robbery  Purnia IG Shivdeep Lande in action in Tanishq showroom robbery

PURNIA :पूर्णिया से एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि तनिष्क शोरूम लूट मामले में पूर्णिया आईजी शिवदाप लांडे अब एक्शन में आ गये हैं और उन्होंने इस मामले में विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ निलंबन की अनुशंसा कर दी है।

एक्शन में पूर्णिया आईजी शिवदीप लांडे

इस संबंध में एक लेटर सामने आया है, जिसमें लिखा हुआ है कि तनिष्क शो रूम लूटकांड मामले में सहायक खजांची थाना प्रभारी, थाना के सभी स्टाफ और सदर SDPO की लापरवाही सामने आयी है। इस पत्र में ये लिखा हुआ है कि दिनांक 20 जुलाई 2024 को पूर्णिया जिले के सहायक थाना क्षेत्र के तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में दिन के करीब 12 बजे अज्ञात अपराधियों द्वारा तनिष्क ज्वेलरी के स्टाफ को बंधक बनाकर लूट की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसमें दर्ज प्राथमिकी के अनुसार कुल 3 करोड़ 70 लाख रुपये की ज्वेलरी और एक स्टाफ का मोबाइल लूट लिया गया था।

इन पुलिस पदाधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

तनिष्क ज्वेलरी पूर्णिया शहर के बीचोबीच और भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित है, जहां से दिनदहाड़े अपराधियों द्वारा लूट की घटना को अंजाम दिया गया था। इस संबंध में थाना के थानाध्यक्ष सहित उक्त थाना के सभी पुलिस पदाधिकारी/कर्मी की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं जबकि थाना में गश्ती हेतु 4 पहिया वाहनों के अतिरिक्त बाइक गश्ती की भी सुविधा दी गई है लेकिन घटना के समय आस-पास पुलिस की किसी प्रकार की गश्त नहीं पायी गई थी। इसके अलावा घटना के दो माह से अधिक बीत जाने के बावजूद इस लूट की घटना में कार्रवाई के नाम पर अभी तक 12 अभियुक्तों की गिरफ्तारी और 02 देशी कट्टा, 04 बाइक बरामद की गयी है।

बरामदगी के नाम पर खानापूर्ति

लूटी गई ज्वेलरी में से अभी तक सिर्फ एक हीरे की अंगूठी की बरामदगी हुई है, जो बरामदगी के नाम पर खानापूर्ति प्रतीत होता है। साथ ही इस कांड में लूटा गया मोबाइल भी अभी तक बरामद नहीं हुआ है और न ही इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता के विरूद्ध कोई कार्रवाई की गई है। विदित हो कि बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रासंगिक-पत्र के माध्यम से विषयांकित कांड में लूटे गये आभूषणों की बरामदगी नहीं होने का टिप्पणी करते हुए निकटतम अनुश्रवण कांड को तार्किक परिणाम तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है।

थानाध्यक्ष का दिखा उदासीन रवैया

इतनी बड़ी घटना घटित होने के बाद इस प्रकार का उदासीन रवैया थानाध्यक्ष, सहायक थाना और थाना के सभी पदाधिकारी/कर्मी के मनमानेपन को दर्शाता है। साथ ही थानाध्यक्ष अपने क्षेत्र में इंफॉर्मेशन संकलन में भी विफल हैं और थाना क्षेत्र में अपराध नियंत्रण में भी इनकी रूचि नहीं है। इस संबंध में क्यों न थानाध्यक्ष, सहायक थाना और थाने में पदस्थापित सभी पुलिस पदाधिकारी/ कर्मी के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई की जाए।

अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी की भी भूमिका संदिग्ध!

इस घटना के संबंध में पुष्कर कुमार, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सदर-1 पूर्णिया की भी भूमिका संदिग्ध है। उनके द्वारा भी इस घटना के संबंध में न तो कोई पूर्वाभास था और न ही अपने पुलिस पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण है। साथ ही घटना घटित होने के उपरान्त भी इस कांड में लूटे गये ज्वेलरी की बरामदगी में भी कोई रूचि प्रदर्शित नहीं की गई है, जो खेदजनक है। इनके कार्य के प्रति उदासीनता, नेतृत्व की अक्षमता और संदिग्ध आचरण हेतु क्यों न मुख्यालय को इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु अनुशंसा की जाए?

अतः निर्देश है कि उक्त कांड की समीक्षा करते हुए उपरोक्त सभी तथ्यों पर स्वयं जांच कर अपने स्पष्ट मंतव्य के साथ जांच प्रतिवेदन शीघ्र अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।