MLC के विरोध का असर नहीं : अब विवि महासंघ से जुड़े राज्य के 7 कर्मियों का KK पाठक ने वेतन-पेंशन बंद कराया
PATNA:- बिहार के 10 से ज्यादा विधान पार्षदों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को हटाने की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की थी,और विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन की नोटिस देने की घोषणा की थी,पर इस अभियान का केके पाठक पर किसी तरह का असर होता नहीं दिख रहा है. विधान पार्षदों के राजभवन मार्च के ठीक बाद बिहार राज्य विश्वविद्यालय कर्मचारी महासंघ से जुड़े 7 विवि कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनका वेतन और पेंशन रोकने का आदेश जारी किया है.
इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने संबंधित विवि के कुलसचिव को पत्र लिखा है.यह पत्र ललित नारायण मिथिला विवि दरभंगा,जय प्रकाश विवि छपरा,कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि दरभंगा,भूपेन्द्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा,मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विवि पटना और पटना विवि पटना के कुलसचिव को पत्र भेजकर आदेश जारी किया गया है.इसमें ललित नारायण मिथिलि विवि के शंकर प्रसाद,जयप्रकाश विवि छपरा के सरोज कुमार सिंह,भीमराव अंबेडकर बिहार विवि मुजफ्फरपुर के राघवेन्द्र कुमार सिंह,भूपेन्द्र नारायण मंडल विवि मधेपुरा के डॉ राजेश्वर राय,कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि दरभंगा के रविन्द्र कुमार मिश्र, अरबी-फारसी विवि पटना के शैयद शाही नकवी,और पटना विवि के सुबोध कुमार का नाम अंकित करते हुए अगले आदेश तक वेतन और पेंशन बंद रखने का निर्देश दिया है.
रेखा कुमारी ने अपने आदेश में लिखा गया है कि इन अलग-अलग 7 विवि के 7 कर्मियों ने महासंघ के बैनर तले विभागीय आदेश का विरोध किया है,जो विभागीय हित के विरूद्ध है,एवं सरकार की छवि धूमिल करनेवाला है.इस गैर-पेशेवर आचरण एवं विभाग और सरकार की छवि धूमिल करने के प्रयास के कराण इनका संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त होने तक वेतन-पेंशन को स्थगित करने का आदेश दिया जाता है.इसका ही विभागीय आदेश के विरूद्ध आचरण करने के कारण इनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई पूर्ण करते हुए विभाग को तीन सप्ताह के अंदर सूचित करें.
बतातें चले कि इससे पहले शिक्षक संघ फुटाव के अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ वेतन-पेंशन रोकने का आदेश शिक्षा विभाग ने जारी किया था.जिसका लगातार विरोध किया जा रहा था.इस विरोध की कड़ी में विधान पार्षद सह फुटाव के महासचिव ने 10 से ज्यादा विधान पार्षदों के साथ मिलकर राज्यपाल से मुलाकात कर केके पाठक के मनमाने आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी.अब सात विवि के 7 नये कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो गई है.