'नशा छोड़ो..जीवन से नाता जोड़ो' : जीविका दीदियों ने नशा मुक्ति दिवस पर समाज को नशा मुक्त बनाने का लिया संकल्प

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 Jeevika Didis resolved to make the society drug free on Drug Free Day  Jeevika Didis resolved to make the society drug free on Drug Free Day

PATNA :पूरे प्रदेश में में नशा मुक्ति दिवस 2024 के अवसर पर जीविका के 16 सौ से अधिक संकुल स्तरीय संघ एवं 71 से अधिक ग्राम संगठनों के द्वारा माशा मुक्ति दिवस मनाया गया। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज को नशामुक्त बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास करना था ।

इस अवसर पर जीविका दीदियों ने एकजुट होकर रैली निकाली और नशा उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक भवनों और ग्रामीण क्षेत्रों में जीविका दीदियों ने जागरूकता रैली निकाली। उन्होंने बैनर और नारों के माध्यम से नशा विरोधी संदेश प्रसारित किए। यह कार्यक्रम नशा मुक्ति के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक सार्थक कदम है ।

"नशा छोड़ो, जीवन से नाता जोड़ो," एवं "स्वस्थ समाज, नशामुक्त समाज," जैसे नारों के साथ दीदियों ने गांव-गांव में जनजागृति फैलाई।

नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर जीविका दीदियों ने नशा मुक्ति अभियान से सम्बंधित स्लोगन से लोगों को जागरूक किया, साथ ही इससे सम्बंधित संदेशों को मेहंदी के द्वारा अपने हथेलियों में भी उकेरी l नशा मुक्ति दिवस के पूर्व संध्या पर संध्या चौपाल एवं कैडल मार्च का भी आयोजन किया गया l संध्या चौपाल के माध्यम से महिलाओं ने मध् निषेध अभियान की सफलता हेतु रात्रि पहर में भी कड़ी निगरानी करने की बात कही l

नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने उन महिलाओं को भी आमंत्रित किया जिन्होंने देशी शराब निर्माण एवं बिक्री को छोड़कर सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित होते हुए समाज में मान-सम्मान के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं और लाभान्वित महिलाओं द्वारा अनुभव साझा भी किया गया । सभी ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी हेतु एकजुट होने का आह्वान किया और नशा मुक्ति हेतु अपनी आवाज़ बुलंद की l

नशा मुक्ति दिवस 2024 के अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में नशा मुक्ति की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दीदियों और जीविका कर्मियों को सम्मानित भी किया गया ।

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता सामुदायिक भागीदारी रही। जीविका के प्रयासों से आज न केवल महिलाएं बल्कि पुरुष और युवा भी नशा मुक्ति अभियान का हिस्सा बन रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर आयोजित इन कार्यक्रमों में हजारों लोगों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि बिहार में नशा उन्मूलन के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है।