Bihar : संविधान दिवस के 75वें वर्ष पर मैथिली में संविधान की प्रति का लोकार्पण ऐतिहासिक कदम : संजय कुमार झा

Edited By:  |
 Inauguration of the copy of the Constitution in Maithili on the 75th year of the Constitution Day a historic step  Inauguration of the copy of the Constitution in Maithili on the 75th year of the Constitution Day a historic step

PATNA :26 नवंबर 2024, संविधान दिवस के 75वें वर्ष के अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारतीय संविधान की मैथिली भाषा में अनुवादित प्रति का लोकार्पण किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण पर राज्यसभा सांसद और जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने इसे भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देने वाला कदम बताया।

संजय झा ने कहा कि, "मैथिली भाषा संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है और इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। यह पहली बार है जब संविधान को मैथिली भाषा में अनुवादित कर पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह बिहारवासियों के लिए गर्व का विषय है। देश विदेश के करोड़ों मैथिली भाषी नागरिक अब अपनी मातृभाषा में संविधान को पढ़ और समझ सकेंगे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार की एक अभूतपूर्व और सराहनीय पहल है।"

संजय झा ने आगे कहा, "संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर यह कदम संविधान के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ देश की भाषाई विविधता को सशक्त करने का प्रयास है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और भाषाई पहचान को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।"

मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने की दिशा में कदम

जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि बिहार सरकार ने मैथिली को शास्त्रीय भाषा में शामिल करने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है। अब केंद्र सरकार से भी इसे शास्त्रीय भाषा में सम्मिलित करने का आग्रह किया जाएगा।

उन्होंने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और नीतीश कुमार के योगदान को याद करते हुए कहा, "मैथिली को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ ही तत्कालीन रेल मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विशेष आग्रह से यह संभव हुआ।"

उन्होंने कहा कि संस्कृत में भी विमोचन, सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक संसार की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक संस्कृत में भी भारतीय संविधान की अनुवादित प्रति का विमोचन किया गया। इस पर बोलते हुए संजय झा ने कहा कि "संस्कृत भारतीय संस्कृति और परंपरा की मूल भाषा है। हमारे सभी प्राचीन ग्रंथ और नीति शास्त्र इसी भाषा में रचे गए हैं। संस्कृत में संविधान की प्रति का अनुवाद हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रतीक है।"