वाह री पूर्णिया पुलिस! : लूट के 4 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली, पूरा मामला जान रह जाएंगे हैरान, पीड़ित से पहले बदलवाया आवेदन और फिर....

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 Even after 4 days of robbery police remained empty handed.  Even after 4 days of robbery police remained empty handed.

PURNIA :पूर्णिया में अभी तक तनिष्क लूट का सफल उद्भेदन पुलिस नहीं कर पायी है। आज भी 3 करोड़ 70 लाख का हीरा-सोना जेवरात को खोजने में पुलिस असफल दिख रही है। घटना के कुछ दिन तक पुलिस काफी एक्टिव मोड में दिखी लेकिन अब कुछ होता दिख नहीं रहा है। बरामद के नाम पर एक अंगूठी ही पुलिस के हाथ लगी है।

पूर्णिया पुलिस का कारनामा

अब पूर्णिया में पिस्टल दिखाकर युवक से मोबाइल और पर्स लूट मामले के चार दिन बाद भी सदर थाना पुलिस बाइक सवार अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। पीड़ित अजीत कुमार चौधरी के भाई ने बताया कि पिस्टल दिखाकर मोबाइल और रुपये लूटने के मामले में पुलिस अबतक अपराधियों की पहचान तक नहीं कर सकी है।

पीड़ित अजीत कुमार चौधरी ने बताया कि वह शनिवार की सुबह अपनी बहन के घर मजफ्फरपर से पूर्णिया सबह 4 बजे खुश्कीबाग ओवरब्रिज के पास बस से उतरे थे। वहां से पैदल अपने घर पूर्णिया सिटी बैरबन्ना की ओर जा रहे थे कि सदर थाना के गेट से आगे स्थित एक दुकान के सामने बाइक पर सवार तीन युक्क मुझे पिस्टल दिखाकर हाथ से मोबाइल और पॉकेट से पर्स छीन लिए।

पीड़ित से पहले बदलवाया आवेदन

पर्स में 2500 रुपये था। पर्स और मोबाइल छीनकर सिटी काली मंदिर होते हुए रामबाग की ओर लुटेरे भाग गए। पीड़ित ने बताया कि घटना के दिन ही सदर थाना में आवेदन दिया था लेकिन थाने में आवेदन को चेंज कर पिस्टल की जगह धारदार हथियार दिखवाकर दूसरा आवेदन मुझसे लिखवाया गया। इधर, सदर थानाध्यक्ष पुनि राजीव कुमार लाल ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने बताया कि मोबाइल झपट्टा मारने वाला कहीं पिस्टल लेकर चलता है क्या? पीड़ित ने ही धारदार हथियार दिखाकर मोबाइल छीनने का आवेदन दिया है, जिसपर मामला दर्ज किया गया है। जिस तरह पूर्णिया में आए दिन अपराधियों का तांडव जारी है, दिनदहाड़े पुलिस गाड़ी से अपराधी फरार हो जाता है तो सवाल करना भी लाजिमी है।

आखिर पूर्णिया पुलिस को क्या हो गया है। यही पूर्णिया सदर थाना की पुलिस 19 अगस्त को मारपीट और छिनतई मामले में एक युवक को गिरफ्तार कर पेट्रोलिंग गाड़ी में बैठा कर लाती है, वही युवक थाने से फरार हो जाता है। पीड़ित को कहा जाता है कि आप आवेदन दे दीजिए, हम फिर गिरफ्तार कर लेंगे। शहर में चोरों का आतंक मचा है अलग, फिर भी पुलिस पकड़ने में नाकाम है।