राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग पर जोर : मंत्री दिलीप जायसवाल का बड़ा बयान, कहा : जिन अंचलों में पंजी-2 की स्कैनिंग का काम नहीं हुआ काम, वहां...

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 Emphasis on scanning of revenue documents  Emphasis on scanning of revenue documents

PATNA : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम विभाग की महात्वाकांक्षी योजना है और इसे समय से और गुणवत्तापूर्वक पूर्ण करने के सभी आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए। विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्कैनिंग की रफ्तार बढ़ाने, पंजी-2 के खाली पन्नों को क्रास करने और जिन दस्तावेजों की स्कैनिंग हो चुकी है, उनकी गुणवत्ता की जांच करने का निर्देश दिया।

बैठक में उपस्थित विभागीय सचिव जय सिंह ने बताया कि इस संबंध में जिला पदाधिकारियों को पत्र दिया गया है। पत्र में पंजी-2 के पन्नों को स्कैन करने और स्कैन पन्नों को सत्यापित करने का निर्देश दिया गया है। विभाग करीब 3 दर्जन प्रकार के राजस्व दस्तावेजों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम कर रहा है ताकि उन्हें नष्ट होने से बचाकर संरक्षित किया जा सके और उसको मामूली शुल्क पर नागरिकों को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।

जिन अंचलों में पंजी-2 की स्कैनिंग का काम अब तब पूरा नहीं किया गया है, उन्हें शीघ्र पूरा करने का निदेश पत्र के जरिए दिया गया है। पत्र में स्पष्ट है कि जिन छूटे हुए अंचलों में स्कैनिंग का काम अबतक शुरू नहीं किया गया है, वहां की जमाबंदी पंजी को जिला अभिलेखागार में लाकर स्कैनिंग का कार्य कराना सुनिश्चित किया जाए।

उल्लेखनीय है कि बिहार में विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। जमाबंदी पंजी की ऑनलाइन अनुपलब्धता के कारण रैयतों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भू अभिलेखों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी योजना है। खासकर जमाबंदी पंजी यानी रजिस्टर-2 की स्कैनिंग का काम प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाना है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा अंचल कार्यालयों एवं जिला अभिलेखागारों में संधारित राजस्व अभिलेखों की स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम कराया जा रहा है। हालांकि, पूर्व में जमाबंदी पंजी की स्कैनिंग का काम प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश दिया गया था लेकिन कई अंचल कार्यालयों में रखे पंजी-2 की स्कैनिंग का काम पूर्ण नहीं किया जा सका है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग उन कागजातों की जिनकी स्कैनिंग एवं डिजिटाइजेशन का काम हो गया है उनकी गुणवत्ता की जांच भी करा रहा है। इसके लिए भी सभी समाहर्ता को पत्र दिया गया है। इसके तहत भू-अभिलेख पार्टल पर अपलोड डाटा/इमेज की गुणवत्ता जांच की जिम्मेदारी संबंधित अंचल कार्यालय, जिला अभिलेखागार, भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय, भू-अर्जन कार्यालय एवं अपर समाहर्ता कार्यालय को दिया गया है।

फिलहाल 36 प्रकार के राजस्व अभिलेखों को डिजिटाइज एवं स्कैन करने का काम चल रहा है। इनमें खतियान और पंजी-2 की प्रति शामिल है। इन्हें भू-अभिलेख पोर्टल से जाकर फ्री में देखा जा सकता है और मामूली शुल्क देकर डाउनलोड किया जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार बिहार में 28 से 30 करोड़ राजस्व दस्तावेज हैं, जिनमें से आधे से अधिक को डिजिटाइज एवं स्कैन किया जा चुका है और शेष पर काम किया जा रहा है।

(पटना से नीलकमल की रिपोर्ट)