रांची में निकली भव्य रथ यात्रा : नये लूक में शामिल हुए हेमंत सोरेन, खींचा भगवान जगन्नाथ का रथ
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में भव्य रथ यात्रा निकाली गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भगवान जगन्नाथ का रथ खींचा. वो अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और एक बेटे के साथ रथ यात्रा में पहंचे थे. रस्साबंधन के बाद उन्होंने रथ भी खींचा. पूजन-अनुष्ठान कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मुख्यमंत्री ने महाप्रभु का आशीर्वाद प्राप्त किया. उन्होंने भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की विधिवत पूजा -अर्चना कर राज्यवासियों की सुख- शांति, समृद्धि एवं उन्नति की कामना की। मुख्यमंत्री ने राज्य की समस्त जनता को रथयात्रा की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने आस्था एवं भक्ति के समागम में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं के साथ जय जगन्नाथ के जयकारे लगाए और रथ की रस्सी को हाथ लगाकर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को मौसीबाड़ी के लिए आगे बढ़ाया।
सीएम हेमंत सोरेन ने खींचा भगवान जगन्नाथ का रथ
ऐतिहासिक रथयात्रा के अवसर पर आयोजित पूजा-अनुष्ठान में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक नवीन जायसवाल, विधायक राजेश कच्छप, झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्रीसुबोध कांत सहाय और विनोद पांडेय सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 4:30 बजे जगन्नाथपुर पहुंचे थे. 5:10 मिनट पर पूजा-अर्चना खत्म हुई. इसके बाद रथ में रस्साबंधन हुआ और मुख्यमंत्री ने भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा. हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी दी. एक वीडियो ट्वीट कर उन्होंने लिखा- रांची में महाप्रभु की ऐतिहासिक रथ यात्रा में शामिल होने का परम सौभाग्य मिला. जय जय जगन्नाथ स्वामी!
रथ यात्रा के दौरान सुरक्षा के किये गये थे पुख्ता इंतजाम
रथ यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. ड्रोन से मेला और रथ यात्रा की निगरानी की जा रही थी. सबसे आगे तीन चंवर चल रहे थे. सबसे आगे काला, इसके बाद लाल और फिर सफेद रंग का चंवर था. काला चंवर भगवान जगन्नाथ स्वामी का प्रतीक था, जबकि लाल बहन सुभद्रा और सफेद बलभद्र स्वामी का प्रतीक था. तीनों छातों के आगे पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाए जा रहे थे. संगीत पर भक्त नृत्य कर रहे थे.
नवविवाहित जोड़ों ने जगन्नाथ मंदिर में चढ़ाया मौर
रथ यात्रा शुरू होने से पहले नवविवाहित जोड़ों ने मौर चढ़ाया. सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी. मेला परिसर में सैकड़ों कैंप लगे थे. सजावट से लेकर खाने-पीने के सामान तक मेला परिसर में बिक रहे थे. आज बारिश नहीं हुई, जिसकी वजह से दिन में गर्मी ज्यादा थी. इसलिए पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की डिमांड बढ़ गई थी.