BREAKING NEWS : CCL में फर्जी नौकरी पाने वाले 23 आरोपियों को 3-3 साल की सजा, CBI की विशेष कोर्ट ने सुनाई सजा

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रांची : फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी पाने वाले 23 आरोपियों को कोर्ट ने सजा दी है. सीसीएल के तत्कालीन जीएम हरिद्वार सिंह समेत 23 आरोपियों को सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 3-3 साल की सजा सुनायी है. साथ ही हरिद्वार सिंह पर 50 हजार और शेष 22 आरोपियों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं दो आरोपी को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

मामले में सीबीआई ने 28 को चार्जशीटेड आरोपी बनाया था जिसमें तीन आरोपी समीर घोष, सुभाष कुमार पालिक और विजय नारायण अप्रूवल बन गए थे. मामला 29 साल पुराना है. सीसीएल के पीपरवार क्षेत्र में अधिग्रहित जमीन के एवज में मूल रैयत को नौकरी देना था. लेकिन मूल रैयत के जगह किसी और को सीसीएल में नौकरी दे दिया गया था.

1995 में दो बार में 18 लोगों को जमीन के एवज में नौकरी दी गई थी. वहीं साल 1996 में 10 लोगों को सीसीएल में नौकरी दी गई थी. फर्जी कागजात पर कुल 28 लोगों को नौकरी दी गई. सभी जमीन का गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी पाने में सफल रहे थे. फर्जीवाड़े का उजागार साल 1998 में उस समय हुआ जब वास्तविक हकदार अधिग्रहित जमीन का कागजात लेकर नौकरी मांगने पहुंचा. फर्जीवाड़े को लेकर सीबीआई ने 18 अगस्त 1998 को प्राथमिकी दर्ज की. सीबीआई ने पांच साल बाद जांच पूरी करते हुए 3 मई 2003 को चार्जशीट दाखिल की थी. वहीं मामले में 6 आरोपियों का बयान भी दर्ज कराया गया था.