NEET पेपरलीक : साल्वर गैंग के जरिये मिला था वेटरीनरी कालेज में एडमिशन, आज वह व्यक्ति है कांके में प्रखंड पशु पदाधिकारी
![Big update from Ranchi on NEET paper leak](https://cms.kashishnews.com/Media/2024/June/25-Jun/CoverImage/COimgca35a777fb644a37bf361be913c95e8a17.jpg)
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रांची. झारखंड की राजधानी में अवस्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशुपालन संकाय और फारेस्ट्री में नालंदा गिरोह का 90 के दशक से वर्चस्व रहा है. इसी साल्वर गैंग के जरिये पशुपालन संकाय में दाखिला लेनेवाला राजनंदन सिंह वर्तमान में कांके प्रखंड के प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी हैं. उसकी डिग्री पर अब उंगली उठने लगी है. सूत्रों के अनुसार इनका नाम भी नीट घोटाले में सामने आ रहा है. इन पर भी साल्वर गैंग के साथ मिले होने की बातें सामने आ रही हैं.
रांची के तत्कालीन उपायुक्त रहे सुधीर प्रसाद के समय नालंदा गिरोह का साल्वर गैंग, राजनंदन सिंह के नजदिकियों के यहां ठहरा था. कांके थाना के तत्कालीन दारोगा उपेंद्र राय ने साल्वर गैंग के खिलाफ कई आरोपियों को पकड़ा था. उस समय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का बेटा (अभी पशु चिकित्सा पदाधिकारी), एक अन्य प्रोफेसर सीएम प्रसाद का बेटा और अन्य प्रवेश परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने के आरोप में फरार हुआ था. उस समय पुलिस की सक्रियता से इन्हें पकड़ा भी गया था.
अब भी वही साल्वर गैंग नीट की परीक्षा समेत शिक्षक पात्रता प्रवेश परीक्षा और अन्य एग्जाम का भी सेटिंग कर रहा है. इस गैंग के तार राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, बीआइटी मेसरा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद समेत अन्य संस्थानों से भी जुड़े हैं. रिम्स के कई चिकित्सक साल्वर गैंग के सदस्य हैं, जो नीट परीक्षा के प्रश्न पत्र को साल्व करने में अपनी भूमिका निभाते हैं. इसी का नतीजा है कि साल्वर गैंग के सदस्य हर छह-छह महीने में अपनी बाइक तथा गाड़ी बदलते रहते हैं.
पहले से ही हो जाता है सब तय
नीट, इंजीनियरिंग, लॉ, मैनेजमेंट तथा अन्य विषयों में प्रवेश परीक्षा के पहले ही सब कुछ तय हो जाता है. साल्वर गैंग को परीक्षा के एक दिन पहले क्वेश्चन पेपर मिल जाता था, जिसे साल्वर गैंग सॉल्व करते थे. परीक्षा में बैठनेवाले अभ्यर्थियों को क्वेश्चन को रटा कर आंसर में विकल्प भी रटाये जाने की सुविधा दिये जाने का प्रावधान किये जाने की बातें भी पता चली है. इसके लिए तीन दिन पहले ही अभ्यर्थियों को सेटिंग वाली जगह में ले जाया जाता है जो परीक्षा केंद्र से नजदीक हो. परीक्षा के दिन सब कुछ सही रहने पर साल्वर गैंग के आंसर की के अनुरूप ही परीक्षा दी जाती है. इसके बाद सफल होने पर गैंग के सदस्य अभ्यर्थी के माता-पिता से तय सौदे के अनुसार शेष राशि यानी 30 से 40 लाख रुपये ले लेते थे.
रांची से दीपक कुमार रिपोर्ट..