नामांकन में बस एक दिन ...सस्पेंस अब भी बरकरार : अमेठी सहित तीन हाईप्रोफाइल सीटों पर टिकट का महाविकट, राहुल गांधी लड़ेंगे चुनाव!
NEWS DESK : लोकसभा चुनाव चरम पर है। फर्स्ट और सेकेंड फेज की वोटिंग खत्म हो गयी है। सारी पार्टियां आगामी चरणों के लिए रणनीति बना रही हैं लेकिन इस बीच यूपी की कुछ ऐसी भी हाईप्रोफाइल सीटें हैं, जिसपर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं।
तीन हाईप्रोफाइल सीटों पर सस्पेंस बरकरार
जी हां, लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होनी है। इस चरण की सीटों के लिए नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 3 मई है और यूपी की तीन सीटें ऐसी हैं, जहां या तो सत्ताधारी पार्टी या विपक्षी गठबंधन या फिर दोनों ने ही अब तक अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की है। ये तीनों ही सीटें बेहद हाईप्रोफाइल हैं। ये तीन सीटें हैं - रायबरेली, अमेठी और कैसरगंज
अमेठी लोकसभा सीट
अमेठी लोकसभा सीट की बात करें तो आमतौर पर ये सीट कांग्रेस की गढ़ रही है लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को जोरदार पटखनी देकर सियासी गलियारे में खलबली मचा दी थी लिहाजा बीजेपी ने एकबार फिर स्मृति ईरानी पर भरोसा जताया है और चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने अबतक बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी के खिलाफ उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। स्मृति ईरानी ने 29 अप्रैल को नामांकन भी दाखिल कर दिया है लेकिन कांग्रेस अब तक उम्मीदवार तय नहीं कर सकी है। अमेठी सीट से चर्चा में राहुल गांधी का नाम है। इस पूरे मामले पर कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश का कहना है कि इस सिलसिले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ही तय करना है कि वे आखिर अमेठी से या फिर रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, स्थानीय कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता अमेठी में राहुल गांधी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रायबरेली लोकसभा सीट
वहीं, रायबरेली लोकसभा सीट की बात करें तो कांग्रेस ने अबतक यहां से भी किसी प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है। आपको बता दें कि इस सीट से लगातार सोनिया गांधी चुनावी मैदान में उतरती थीं लेकिन इस बार उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है लिहाजा कयास ये लगाया जा रहा है कि सोनिया गांधी के इनकार के बाद प्रियंका गांधी अपनी मां की विरासत को आगे बढ़ा सकती हैं लेकिन इस पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। रायबरेली से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 2019 के चुनाव में कांग्रेस यूपी की जो एक सीट जीत सकी थी, वह रायबरेली सीट ही थी।
कैसरगंज लोकसभा सीट
वहीं, कैसरगंज लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक बृजभूषण शरण सिंह संसद पहुंचते रहे हैं। 2009 का चुनाव सपा के टिकट पर जीतने वाले बृजभूषण 2014 और 2019 में बीजेपी से जीते थे। चर्चा है कि पार्टी इस बार बृजभूषण का टिकट काट उनके परिवार के ही किसी सदस्य पर दांव लगा सकती है। कहा जा रहा है कि उनके बेटे को बीजेपी टिकट दे सकती है।