BIG BREAKING : अलका तिवारी बनी झारखंड की नयी मुख्य सचिव, CEO ने दी जानकारी

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रांची : बड़ी खबर राजधानी रांची से है जहां अलका तिवारी झारखंड की नयी चीफ सेक्रेटरी बनायी गयी हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इसकी पुष्टि की है.

अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस हैं. उनके रिटायरमेंट की तिथि 30 सितंबर 2025 है. बता दें कि 31 अक्टूबर को एल खियांग्ते रिटायर हो गये. राज्य सरकार ने एल खियांग्ते के तीन महीने के एक्सटेंशन के लिए चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा था. लेकिन इस पर कोई आदेश नहीं आया. बता दें कि 1988 बैच के आईएएस एल खियांग्ते लगभग 11 महीने झारखंड के मुख्य सचिव के पद पर रहे.

अलका मेरठ विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर हैं और उन्हें टॉपर होने पर राज्यपाल का स्वर्ण पदक मिला है. उन्होंने एम.एससी. की पढ़ाई की. मैनचेस्टर विश्वविद्यालय, यू.के. के सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग से, "विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन" पाठ्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और स्वर्ण पदक प्राप्त किया. वह रांची यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट भी हैं. उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से "रीथिंकिंग फाइनेंशियल इंक्लूजन" पर एक अल्पकालिक पाठ्यक्रम और ड्यूक यूनिवर्सिटी, यूएसए से "वित्तीय सलाहकारों के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन" पर एक और विशेष पाठ्यक्रम पूरा किया है. अलका ने झारखंड में गुमला और लोहरदगा जिलों के डी.सी. ,कलेक्टर के रूप में कार्य किया है. वह वाणिज्यिक कर और वन एवं पर्यावरण विभाग में सचिव रह चुकी हैं. वह भारत सरकार के नीति आयोग में सलाहकार, उर्वरक विभाग में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव और उर्वरक, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स विभाग में अतिरिक्त सचिव सह वित्तीय सलाहकार थीं. नीति आयोग में, वह वित्तीय संसाधन, शिक्षा, पर्यटन आदि के महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्रों को संभाल रही थीं. उन्होंने भारत के उच्च शिक्षा नियामक ढांचे में सुधार और शिक्षण और अनुसंधान के विश्व स्तरीय संस्थानों को विकसित करने के लिए रणनीति दस्तावेज विकसित किए. उर्वरक कंपनी FAGMIL के सीएमडी के रूप में, उन्होंने जिप्सम व्यापार में गिरावट को उलट दिया और इसे लाभ कमाने वाली मार्केट लीडर कंपनी में बदल दिया. अलका तिवारी ने यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और देश के राजस्व हितों की रक्षा के लिए कतर, ईरान और रूस के साथ काम किया. उन्होंने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूसी अंतर सरकारी आयोग के तहत "आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग" पर प्रोटोकॉल समझौते पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने 3 वर्षों से अधिक तक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में भारत सरकार के सचिव के रूप में काम किया और देश के आदिवासी मुद्दों पर विशेषज्ञता विकसित की. उनके पति डॉ. डी.के. तिवारी 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो झारखंड के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए और अब राज्य चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर कार्यरत हैं.

रांची से सीनियर रिपोर्टर संतोष कुमार की रिपोर्ट---