बेबाकी : नीतीश के अगले कदम का अनुमान लगाना कठिन..प्रशांत किशोर के सुझाव पर हो रहा है विचार-तारिक अनवर
DESK:-चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर कांग्रेस की हाईलबेल कमिटि विचार कर रही है..और अगर यह कमिटि प्रस्ताव के अमल का सुझाव देती है तो फिर कांग्रेस उसी दिशा में आगे जाएगी...
..ये बातें पूर्व मंत्री और काग्रेस महासचिव तारिकर अनवर ने कशिश न्यूज से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कही.एक सवाल के जवाब में तारिक अनवर ने कहा नीतीश की राजनीति अलग तरह की है।वे आगे क्या करने वालें हैं.इसके बारे में वे खुद ही बता पाएंगे...पर एक बात तय है कि नीतीश और बेजेपी के बीच संबंध पहले की तरह मधुर नहीं हैं..बल्कि इसमें दरार पड़ चुका है..यह आगे चलकर क्या रूख अख्यितार करेगी ..यह आनेवाला समय बताएगा...वे बीजेपी को छोड़कर महागठबंधन में आए थे..फिर महागठबंधन को छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए हैं।इसलिए नीतीश कुमार कब क्या करेंगे ..इस पर अनुमान लगाना काफी मुश्किल हैं.
बीजेपी पर निशाना साधते हुए तारिक अनवर ने कहा कि हाल ही में रामनवमी के दौरान देश का माहौल खराब करने की कोशिश कुछ लोगों के द्वारा की गई..ऐसें में कांग्रेस की भूमिका ज्यादा बढ गई है।बीजेपी देश के मूल समस्या से भटकाने के लिए धार्मिक उन्माद की बात करते रहती है।वे कभी हनुमा चालीसा का उपयोग करतें हैं तो कभी विभाजन वाली भाषा बोलती है.अब देश की जनता भी बीजेपी के इस नीति को समझने लगी है।यही वजह है कि हाल ही में यूपी चुनाव में बीजेपी को जीत जरूर मिली है पर उसके सीटों की संख्या काफी कम हो गई है.
कांग्रेस को मजबूत करने के सवाल पर तारिक अनवर ने कहा कि काग्रेंस इसके लिए प्रयास में जुट गई है।पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद एक्टिव नजर आ रही हैं।चुनाव रणीनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी पार्टी से जुड़कर काम करने की इच्छा जताई है और इसके लिए उन्हौने सोनियां गांधी और उनकी टीम के समक्ष कुछ सुझाव भी रखें हैं।उन सुझावों पर कमिटि विचार कर रही है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा
वही बिहार में कांग्रेस पार्टी की चर्चा करते हुए तारिक अनवर ने कहा कि यहां के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने आलाकमान को इस्तीफा भेजा है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाएगी.उसके बाद बिहार में भी पार्टी के कार्यक्रम तय होगें.आरजेडी के पिछल्लगू बनने के सवाल का जवाब देते हुए तारिक अनवर ने कहा कि साम्प्रदायिक तत्वों को कमजोर करने के उद्देश्य से ही समान विचार वाले दलों के साथ कांग्रेस साझेदारी या समझौता करती है.इसको किसी दूसरे नजरिए से नहीं देखना चाहिए.