JHARKHAND NEWS : सचिव अबु बक्कर सिद्दीख ने योजनाओं की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
चाईबासा : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव अबु बक्कर सिद्दीख पी ने चाईबासा जिले का दौरा किया और वहां की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान जिले के उपायुक्त कुलदीप चौधरी, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, डीडीसी, एसडीओ, डीएफओ और अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।
सचिव का स्वागत और बैठक की शुरुआत
सचिव के चाईबासा आगमन पर उनका स्थानीय परिसदन में जोरदार स्वागत किया गया। जिलास्तरीय अधिकारियों ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात, सचिव की अध्यक्षता में परिसदन सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक हुई।
वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा
बैठक में सचिव ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तहत चल रही योजनाओं की क्रमवार समीक्षा की। उन्होंने बताया कि वह स्वयं सारंडा वन क्षेत्र का दौरा करेंगे और वहां चल रहे इको टूरिज्म कार्य की प्रगति का भौतिक सत्यापन करेंगे। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि सभी लगाए गए पेड़-पौधों की देखभाल समयानुसार और सही तरीके से की जाए, और इन गतिविधियों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की जाए।
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा
सचिव ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन योजनाओं को पूरी तरह से धरातल पर लाया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि और पशुपालन से जुड़ी योजनाओं के लिए आवंटित राशि का सही तरीके से उपयोग किया जाए और लाभुकों का चयन उचित तरीके से किया जाए।
अफीम खेती और कृषकों के उत्थान के उपाय
सचिव ने कहा कि वन ग्रामों और दूरस्थ ग्रामों में अफीम जैसी अवैध खेती की जानकारी विभिन्न माध्यमों से मिल रही है। उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने और किसानों को मुख्य धारा में लाने के लिए योजनाओं का विस्तार करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने ऐसे किसानों का चयन कर उन्हें फल-पौधों की खेती से जोड़ने की बात कही, ताकि उनके जीवनस्तर में सुधार हो सके और उनका जीविकोपार्जन बेहतर हो सके।इस बैठक में सचिव ने अधिकारियों को योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए, जिससे जिले में विकास कार्यों की गति तेज हो सके।