Jharkhand News : मांगों को लेकर समाजवादी पार्टी ने निकाला पैदल मार्च, बीजीआर कंपनी डंपर गाड़ी से ओवरलोडिंग परिचालन पर लगाया रोक - गुपीन हेम्ब्रम

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Samajwadi Party took out a foot march regarding the demands, BGR company banned overloading operations with dumper vehicles - Gupin Hembram Samajwadi Party took out a foot march regarding the demands, BGR company banned overloading operations with dumper vehicles - Gupin Hembram

पाकुड़:- समाजवादी पार्टी के जिला पाकुड़ इकाई के द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर पाकुड़ मुख्य सड़क पर पैदल मार्च निकालने के साथ नारा लगाते हुए भी देखा गया। समाजवादी पार्टी के पाकुड़ जिला अध्यक्ष गुपीन हेम्ब्रम ने कहा कि ग्राम प्रधानों का मानदेय 2000 से बढ़ाकर 5000 करने, संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 के तहत जमीन लीज न करने और बीजीआर कंपनी डंपर गाड़ी से ओवरलोडिंग परिचालन पर रोक लगाने को लेकर पाकुड़ जिला में स्थापित बीजीआर एवं डीबीएल कम्पानी में शिक्षित बेरोजगार युवक- युवतियों को रोजगार देने और बाहरी व्यक्तियों को हटाए जाने के अलावे अन्य कई मांग को लेकर पैदल मार्च निकाला गया है। साथ ही महामहिम राज्यपाल झारखण्ड के नाम पाकुड़ प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को की गई उल्लेखनीय मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया है।

आपको बताते चलें कि कोल कंपनी द्वारा लगातार ओवरलोड बिना त्रिपाल ढके ही कोयला ढुलाई की जाती है, यहां तक कि कई ऐसे वाहन है जो परिवर्तन के नियमों को ताक पर रखकर कोयले की ढुलाई किया करते है,जिनमे लगातार बीच बीच में जिला टास्क फोर्स टीम द्वारा छापेमारी अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि पता चल सके सरकार को कितना राजस्व का चूना लगाया जाता है, अगर हम बात करें एक वाहन में बिना तिरपाल ढके कोयले की ढुलाई का जुर्माना करीब 15 हजार होती है तो वही वाहन परिवर्तन जुर्माना 10 से 15 हज़ार होगी तो आप अंदाज़ा लगा सकते है कि प्रतिदिन कोयला ढुलाई एक डंपर से सरकार को कितने का नुकसान लगाया जा रहा है,तो प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में कोयला ढुलाई डम्परों से की जाती है। वही पत्थर व्यवसायों की माने तो सारे नियम कानून पत्थर लोड वाहन में प्रशासन को दिखता है लेकिन बड़े बड़े कोल कंपनी को लगता है छूट ही छुट है। हालांकि जिला टास्क फोर्स की बैठक में वरीय पदाधिकारी द्वारा लगातार निर्देश दिया जाता है कि अवैध परिवहन पर रोक लगाया जाए लेकिन इसके बावजूद अवैध परिवहन होना कही न कही प्रशासन को मुंह चिढ़ाने का काम किया जा रहा है,ऐसे में संबंधित विभाग को कोल कंपनी के अवैध परिवहन पर छापेमारी अभियान चला कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।


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