Bihar : ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित, हरित आवरण बढ़ाने की नई योजनाओं पर जोर

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Review meeting held on Green Credit Program Review meeting held on Green Credit Program

PATNA :डॉ. प्रेम कुमार, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम से सम्बन्धित विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी।

इस बैठक में सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार / विशेष सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार / प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( HoFF), बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक, बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( कैम्पा ) -सह-नोडल पदाधिकारी (वन संरक्षण), बिहार / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कार्य नियोजना प्रशिक्षण एवं विस्तार, बिहार/मुख्य वन संरक्षक-सह-राज्य नोडल पदाधिकारी, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्र भूमि, बिहार/मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन, पटना एवं अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।

भारत सरकार द्वारा 12 अक्टूबर 2023 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत ग्रीन क्रेडिट नियमों को अधिसूचित किया गया है, जिसका उद्देश्य देश भर में स्वैच्छिक वृक्षारोपण गतिविधि को प्रोत्साहित करना है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रीन क्रेडिट प्रदान किए जाएंगे और बंजर भूमि की एक सूची बनाई जाएगी, जिसका उपयोग वनीकरण कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है।

भारत के प्रधानमंत्री ने 2023 में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में उल्लेख किया था कि यह ग्रीन क्रेडिट के बारे में बात करने का समय है, भारत ग्रीन क्रेडिट फ्रेमवर्क विकसित करके इस दिशा में काम कर रहा है, जिसके माध्यम से हम जलवायु सकारात्मक कार्य शुरू कर सकते हैं। ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का उपयोग करके व्यवसाय कैसे विकसित किया जाए, जो 'प्रो प्लैनेट पीपुल' के विकास के लिए सकारात्मक हो।

ग्रीन क्रेडिट उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिए जाने वाले प्रोत्साहन की इकाई है जो पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाली गतिविधियों में लगे हुए हैं। यह एक व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा है जिसमें पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न पहल शामिल हैं, जिसमें जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिक संरक्षण में योगदान देने वाले प्रयासों को पुरस्कृत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का उद्देश्य एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से सुलभ वृक्षारोपण के लिए एक गतिशील भूमि बैंक स्थापित करना है । यह सुविधा वन विभागों द्वारा अवकृष्ट वन भूमि के पंजीकरण को सक्षम बनाती है ।

सरकारी संस्थानों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/गैर-सरकारी संगठनों/निजी कंपनियों/संगठनों/व्यक्तियों/ सोसाइटी इत्यादि को वनरोपण हेतु प्रोत्साहित करना भी ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का एक उद्देश्य है। ग्रीन क्रेडिट वृक्षारोपण में संलग्न संस्थाओं के लिए एक प्रमुख प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है। मंत्री द्वारा बताया गया कि राज्य के हरित आवरण बढ़ाने में ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम एक महत्त्वपूर्ण अवयव है। मंत्री के दिशा-निर्देश के अनुसार वर्तमान में मुंगेर, रोहतास, कैमूर, नवादा, बांका एवं गया वन प्रमण्डलों में निर्धारित लक्ष्य 880 हे. भूमि में वृक्षारोपण की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जा रहा है।

साथ ही उनके द्वारा ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के तहत अवकृष्ट वन भूमि तथा कृषि भूमि / परती भूमि पर भी ग्रीन क्रेडिट वृक्षारोपण की दिशा में कार्य कराने का निर्देश दिया गया।