JHARKHAND NEWS : बसंत पंचमी की तैयारियां जोरों पर, जमशेदपुर में मां सरस्वती की पूजा की धूम

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Preparations for Basant Panchami in full swing, worship of Goddess Saraswati celebrated in Jamshedpur Preparations for Basant Panchami in full swing, worship of Goddess Saraswati celebrated in Jamshedpur

जमशेदपुर : शहरभर में बसंत पंचमी के मौके पर मां सरस्वती की पूजा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। स्थानीय मोहल्लों, टोलों और गलियों में छोटे-बड़े बच्चों के साथ-साथ लोग पूजा के लिए मां सरस्वती की मूर्तियां स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं। मूर्ति कलाकारों की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है, जहां लोग पूजा के लिए प्रतिमाएं खरीदने के लिए पहुंचे हैं। हालांकि, बसंत पंचमी का पर्व इस साल 2 फरवरी को दोपहर 2 बजे के बाद मनाया जाएगा।

बसंत पंचमी का महत्व और धार्मिक मान्यता
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जो बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। इस दिन को 'अबूझ मुहूर्त' के रूप में भी जाना जाता है, और इसे नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।

असमंजस की स्थिति: पंचमी तिथि का समय
इस साल बसंत पंचमी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 फरवरी को दोपहर 2 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी को शाम 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पंचमी तिथि तब उपयुक्त मानी जाती है, जब सूर्योदय और दोपहर के बीच समय होता है। यही कारण है कि इस साल कुछ स्थानों पर बसंत पंचमी 2 फरवरी को और कुछ स्थानों पर 3 फरवरी को मनाई जाएगी।