नवादा में खुलेआम लग रही दारू की मंडी : शराबियों की सजती है महफिल, अवैध शराब कारोबारियों की चांदी

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 Liquor market being organized openly in Nawada  Liquor market being organized openly in Nawada

NAWADA :नवादा में खुलेआम शराब बेची जा रही है। इतना ही नहीं, पीने वाले बैठकर पीते हैं और आराम से चलते बनते हैं। अवैध शराब कारोबारियों की चांदी है। लोग खुलेआम सार्वजनिक जगहों में अपनी महफिल जमा कर बैठे नजर आए। शराब तस्करी का कारोबार नगर थाना क्षेत्र के पुराना खुरी पुल के नीचे का बताया जा रहा है, जहां सुबह और शाम शराब की महफिल सजने लगती है।

इन लोगों को किसी प्रकार का कोई भय नहीं है और लोग खुलेआम शराब का सेवन कर रहे हैं। विशेषकर युवा वर्ग के लिए शराब पीना एक फैशन हो गया है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक जो बड़ी दरगाह मोहल्ले का निवासी टिंकू भट अवैध तरीके से महुआ शराब बेच रहा है। बकायदा उसने पीने पिलाने आदि की व्यवस्था भी रखी है।

अब सख्ती कैसी है, वीडियो में आप देख सकते हैं। हालांकि, पीने वाले मजदूर तबके के लोग हैं, जिनके बारे में जीतन राम मांझी कहते हैं कि सिर्फ गरीब जेल जा रहा है। अधिकारी अपने कमरे में रात को दो-दो पैग जरूर लेते हैं। इसी शराबबंदी को हटाकर इसके पैसे से प्रशांत किशोर बिहार में शिक्षा का अलख जगाने वाले हैं। फिलहाल, बिहार में शराबबंदी कागजों पर दिख रही है।

लोगों का कहना है कि कहां शराब नहीं मिल रही है। पैसा दीजिए, शराब हाजिर है। बता दें कि शराब की लत ऐसी है कि एक बार जुबां से लग जाए तो फिर जाती नहीं। बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री, उसका सेवन सब कुछ प्रतिबंधित है। बिहार सरकार शराब तस्करी रोकने में करोड़ों का संसाधन खर्च कर रही है। आए दिन शराब की खेप पकड़ी भी जाती है लेकिन बिहार में शराबबंदी कितनी सफल है? शराबखोरी कितनी रुकी है? ये एक बड़ा सवाल है।

शराबबंदी के बाद बिहार में जहरीली शराब से सैकड़ों लोग मरे और लाखों लोग जेल में हैं। बिहार में वैसे तो शराबबंदी है। शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है। रोजाना हजारों लीटर तस्करी कर लाई जाने वाली शराब बरामद होती है। उसके बाद भी बिहार में शराबखोरी बंद नहीं हो रही है।