तनाव से रहें दूर : परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में PM मोदी ने छात्र-छात्राओं के साथ ही अभिभावक और शिक्षकों को दिए कई टिप्स..

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In the discussion program on examination, PM Modi gave many tips to the students as well as parents and teachers. In the discussion program on examination, PM Modi gave many tips to the students as well as parents and teachers.

KASHISH NEWS DESK:-परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को पीएम मोदी ने कई तरह के टिप्स दिये हैं.पीएम मोदी ने ये टिप्स 'परीक्षा पे चर्चा' (PPC) के दौरान दी है.इस दौरान देश भर के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं,अभिभावकों और शिक्षकों ने कई तरह के सवाल किये जिसका जवाब पीएम मोदी ने सिलसिलेवार तरीके से दिया.


पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा पे चर्चा का छात्रों का बेसब्री से इंतजार करते हैं. उन्होंने परीक्षाओं को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने से संबंधित पिछले परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रमों के विषय और व्यावहारिक सुझाव को साझा किया।एक छात्र ने पढ़ाई के साथ-साथ व्यायाम और खेल की जरूरत के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह मोबाइल को इस्तेमाल करने के लिए उसे चार्जिंग और रिचार्ज की जरूरत है, ठीक वैसे ही हमारे शरीर को रिचार्ज करना जरूरी है। स्वस्थ रहना सबसे जरूरी है। अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो परीक्षा में बैठने की सामर्थ्य नहीं होगी। कभी कभी सूर्य के प्रकाश में बैठिए। इसके अलावा नींद को महत्व दें, परीक्षा से पहले अच्छी नींद जरूरी है। इसलिए जब भी मम्मी बोलें सो जाओ तो सोना चाहिए। रील्स पर समय बिगाड़ने से से ज्यादा नींद को को पूरा करने मे देना चाहिए.


पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में पढ़ने के साथ-साथ लिखने की प्रैक्टिस करने पर जोर दिया है.पीएम ने कहा कि आजकल लोगों की लिखने की आदत कम हो गई है। हम आईपैड वगैरह पर ज्यादा वक्त बिताते हैं, लेकिन जितना लिखेंगे उतनी ही अच्छी तैयारी होगी और कॉन्फीडेंस भी हमारा बढ़ेगा। इसलिए आप दिन में जितनी देर पढ़ते हैं उसका कम से कम आधा वक्त नोट्स बनाने में लगाएं। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि परीक्षा में कितनी देर में क्या आंसर लिखना है। अगर आपको तैरना आ जाएगा तो पानी में उतरने में डर नहीं लगेगा, ठीक वैसे ही जब आप लिखने की प्रैक्टिस करेंगे तो आपको टाइम मैनेजमेंट आ जाएगा और जाहिर तौर पर परीक्षा परिणाम में इसका असर दिखेगा।


वहीं शिक्षकों को टिप्स देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बच्चों के तनाव को कम करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए शिक्षक और छात्रों के बीच हमेशा सकारात्मक रिश्ता रहना चाहिए। शिक्षक का काम सिर्फ जॉब करना नहीं, बल्कि जिंदगी को संवारना है, जिंदगी को सामर्थ्य देना है, यही परिवर्तन लाता है। परीक्षा के तनाव को विद्यार्थियों के साथ-साथ पूरे परिवार और टीचर को मिलकर एड्रेस करना चाहिए। अगर जीवन में चुनौती और स्पर्धा ना हो, तो जीवन प्रेरणाहीन और चेतनाहीन बन जाएगा। इसलिए कॉम्पटिशन तो होना ही चाहिए, लेकिन हेल्दी कॉम्पटिशन होना चाहिए।दोस्तों के साथ स्पर्धा के सवाल पर पीएम ने कहा कि "आपके दोस्त से आपको किस चीज की स्पर्धा है? मान लीजिए 100 नंबर का पेपर है। आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है... उससे द्वेष करने की जरूरत नहीं है। असल में वो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है। अगर यही मानसिकता रही तो आप अपने से तेज तरार व्यक्ति को दोस्त ही नहीं बनाएंगे।पीएम ने परीक्षा और सिलेबस के प्रेशर को हैंडल करने केसवाल पर कहा कि 'हमें किसी भी प्रेशर को झेलने के लिए खुद को सामर्थ्यवान बनाना चाहिए। दबाव को हमें अपने मन की स्थिति से जीतना जरूरी है। किसी भी प्रकार की बात हो, हमें परिवार में भी चर्चा करनी चाहिए।'



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