Bihar : IIM बोधगया में हुआ हेल्थकेयर लीडरशिप समिट, कन्वर्जेंस 2024 का हुआ आयोजन

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 Healthcare Leadership Summit held at IIM Bodh Gaya  Healthcare Leadership Summit held at IIM Bodh Gaya

BODHGAYA : IIM बोधगया ने "भारत में एकीकृत देखभाल सेवाओं के भविष्य" पर केंद्रित हेल्थकेयर लीडरशिप शिखर सम्मेलन "कन्वर्जेंस" का उद्घाटन संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को एकीकृत देखभाल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा वितरण पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित करना एवं छात्रों, फैकल्टी के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा नेताओं को एक साथ लाना रहा। पैनल चर्चाओं ने स्वास्थ्य सेवा के भविष्य के लिए नवीन समाधान पेश करने और बहु-विषयक, प्रौद्योगिकी-संचालित और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से गंभीर चुनौतियों का समाधान करने पर अंतर्दृष्टि प्रदान की।

IIM बोधगया निदेशक डॉ. विनीता सहाय द्वारा इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत में एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल संरचना की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे आईआईएम बोधगया अपने एमबीए-हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर मैनेजमेंट प्रोग्राम के माध्यम से इस उद्देश्य का समर्थन करता है। उन्होंने भावी स्वास्थ्य सेवा लीडर्स को तैयार करने के लिए शिक्षा जगत और उद्योग के बीच सहयोग पर जोर दिया।

आईआईएम बोधगया में एमबीए - हॉस्पिटल एवं हेल्थकेयर मैनेजमेंट के चेयरपर्सन डॉ. स्वप्नराग स्वैन ने उद्योग विशेषज्ञों के सामने एमबीए-एचएचएम कोर्स को पेश कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उद्योग जगत के नेताओं ने कार्यक्रम, पाठ्यक्रम और उद्योग को एमबीए-एचएचएम कक्षा में लाने के अनूठे दृष्टिकोण की सराहना की।

दो दिवसीय इस सम्मेलन में तीन पैनल चर्चाएं हुईं, जिसमें स्वास्थ्य सेवा उद्योग के वरिष्ठ नेताओं ने प्रमुख अंतर्दृष्टि साझा करते हुए बताया कि कैसे अस्पताल, फॉर्मा और जीवन विज्ञान, मेडटेक, स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा उपकरण जैसे कई हितधारक सहयोग करके बेहतर रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकते है। उन्होंने बहु-विषयक, प्रौद्योगिकी-संचालित और रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से गंभीर चुनौतियों का समाधान करते हुए स्वास्थ्य देखभाल के भविष्य के लिए अभिनव समाधान साझा किए।

पहले पैनल में पीडब्ल्यूसी में हेल्थकेयर के सीनियर पार्टनर एवं लीडर- डॉ. राणा मेहता; ओमेगा हेल्थकेयर में ग्लोबल एचआर के वाइस-प्रेजिडेंट - डॉ. नितिन बरेकेरे रामचंद्र; आईकेएस हेल्थ में प्रोडक्ट मैनेजमेंट वाईस-प्रेजिडेंट- गौरव मूंदड़ा; मेरिल में ताइवान के कंट्री हेड- विक्रम पवार; टीडीआर एंटरप्राइजेज के फाउंडर और फिलिप्स हेल्थ सिस्टम्स के पूर्व वाईस-प्रेजिडेंट- क्षितिज कुमार शामिल रहे। चर्चा आईटी नवाचारों और एकीकृत देखभाल का समर्थन करने वाली चिकित्सा प्रौद्योगिकी पर केंद्रित रही।

डॉ. नितिन बीआर ने कहा कि वेलनेस उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है,एवं चैटबॉट्स जैसे सॉफ्टवेयर समाधानों ने नवाचार के नए अवसर खोले हैं। गौरव मुंद्रा ने स्वास्थ्य सेवा में सार्थक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम बोधगया का उदाहरण देते हुए शैक्षणिक संस्थानों सहित सही हितधारकों को एक साथ लाने पर जोर दिया।

दूसरे पैनल में फोर्टिस हॉस्पिटल के सीएचआरओ - रंजन पाण्डेय; आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस में स्वास्थ्य प्रबंधन के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट - डॉ. गौरव त्रिपाठी; नारायणा हेल्थ में भारत के लिए लीड टैलेंट एक्विजिशन- प्रेम आनंद और एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट-सुमित शारदा उपस्थित रहे।

पैनल के सदस्यों ने एकीकृत देखभाल के लिए अस्पतालों और बीमा मॉडल को बदलने पर अंतर्दृष्टि प्रदान की। रंजन पाण्डेय ने जनशक्ति चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए विकास के अवसर प्रदान करने पर विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि जैसे-जैसे उद्योग हाई-टच से हाई-टेक में स्थानांतरित हो रहा है, एक सामंजस्यपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल संरचना बनाने के लिए आवश्यक नीति समायोजन के साथ-साथ सामर्थ्य और दक्षता प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए।

तीसरे पैनल ने एकीकृत देखभाल में फार्मास्यूटिकल्स और जीवन विज्ञान की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया और प्रतिष्ठित वक्ताओं की मेजबानी की, जिसमें अगाप्पे डायग्नोस्टिक्स में संस्थागत व्यवसाय के वाइस-प्रेजिडेंट- साजी डैनियल मैथ्यू, और सन फार्मा में क्लस्टर प्रमुख के वाइस-प्रेजिडेंट- सलिल पाण्डेय शामिल रहे।

सलिल पाण्डेय ने स्वास्थ्य देखभाल परिणामों में सुधार के लिए साझेदारी के महत्व तथा रोगियों और डॉक्टरों सहित कई हितधारकों को शामिल करने पर प्रकाश डाला। उद्योग का विकास, उत्पाद-आधारित से सेवा-आधारित l कैसे हो सकता है, इस अंक पर इस चर्चा का समापन हुआ। चर्चा ने व्यक्तिगत चिकित्सा और मूल्य-आधारित मूल्य निर्धारण के योगदान पर भी जोर देते हुए दिखाया कि कैसे प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और जीवन विज्ञान एक अधिक एकीकृत, रोगी-केंद्रित संरचना बनाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं।

कन्वर्जेन्स कार्यक्रम ने शिक्षा और उद्योग के बीच अंतर को पाटने, स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन की गतिशील दुनिया के लिए भविष्य के नेताओं को तैयार करने के साथ ही एक ऐसे वातावरण का पोषण करने के लिए आईआईएम बोधगया की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जहां स्वास्थ्य सेवा नवाचार का सृजन होता है। संस्थान अंतर-विषयक संवाद और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल के भविष्य को आकार देने में सबसे आगे बना हुआ है।

(बोधगया से मनोज सिंह की रिपोर्ट)