पानी की किल्लत : मुजफ्फरपुर में गहराया पेयजल संकट, भीषण गर्मी में सूख गये चापाकल, एक-एक बूंद के लिए तरसे लोग, प्रशासन बेपरवाह
MUZAFFARPUR : बिहार में गर्मी की धमक के साथ ही पेयजल संकट विकराल रूप धारण कर चुका है। इस गर्मी का असर वर्तमान देश के ज्यादातर हिस्से जबरदस्त गर्मी, लू और तपिश से जूझ रहा है लेकिन एक बड़ा हिस्सा जिस विकट समस्या से जूझ रहा है, वह है जल संकट।
मुजफ्फरपुर में गहराया पेयजल संकट
बिहार के मुजफ्फरपुर में बाढ़ के बाद रेगिस्तान जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। एक-एक बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। सभी का चापाकल सूख गया है। नहाने से लेकर खाना बनाने तक लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोग रोजमर्रा की जिंदगी जी रहे है। यहां पानी का समुचित व्यवस्था नहीं है। लोग दूरदराज से पानी भरकर लाने को मजबूर हैं। ज्यादातर परेशानी इससे उन गरीबों की हालत बिगड़ती जा रही है, जिन्हें पानी का जार खरीद कर पीना पड़ रहा है।
नहाने-धोने और पशुओं को पानी पिलाने में परेशानी खड़ी कर रही है। जिले के कटरा के लखनपुर, जजुआर, हथौड़ी, बसघट्टा और औराई के सहिलाबल्ली परमजीवर में यह समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं, सरकार की नल-जल योजना भी पूरी तरह फेल है। नल-जल योजना के तहत सभी जगहों पर पानी टंकी लगी है। पाइपलाइन भी बिछाई गई है लेकिन इस भीषण जलसंकट के बीच वह भी बंद पड़ा है।
प्रशासन बेपरवाह
अभी तक प्रशासन ने किसी प्रकार से व्यवस्था नहीं कराया है। लोग काफी आक्रोशित हैं। पानी के लिए लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों ने पेयजल मुहैया करवाने की मांग की है। आपको बता दें कि औराई और कटरा बाढ़ प्रभावित इलाका है। हाल में ही बाढ़ ने तबाही मचाया था। पूरा इलाका जलमग्न हो चुका था। बाढ़ खत्म हो गया है लेकिन पूरे इलाके में जलसंकट गहराने लगा है। भू-जलस्तर नीचे जा चुका है। अब चापाकल सूख जाने से लोग नदी या तालाब का सहारा लेने लगे हैं।
वहीं, इस मामले पर ग्रामीण महिला सुनीता देवी बताती है कि पूरे गांव का चापाकल सूख गया है। पिछले 4 दिन से समय पर खाना तैयार नहीं हो पाता है। प्रशासन ने अभी तक कोई व्यवस्था नहीं करायी है। हम लोग काफी परेशान हैं। दुकान से चूड़ा और गुड़ खिलाकर बच्चों की प्यास बुझाई जा रही है। निजी चापाकल वाले पानी भरने पर मना कर रहे हैं। जल्द सरकार कोई व्यवस्था करे।
जिले की बड़ी आबादी प्रभावित
वहीं, इस मामले को मुजफ्फरपुर के कटरा अंचलाधिकारी मधुमिता कुमारी ने बताया कि बाढ़ के बाद वाटर लेवल नीचे चला गया है। जिसमें लखनपुर, जजुआर पश्चिमी, हथौड़ी, बसघट्टा गांव प्रभावित हो गया है। अधिकारियों से बातचीत की गई है। लगभग 5 दिनों से यह समस्या उत्पन्न हो गई है, जिसमें लखनपुर गांव की बड़ी आबादी प्रभावित हैं। पीएचडी विभाग को जानकारी दी गई है। जल्द समस्या का निदान निकाला जाए।