देवघर में कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही : लगातार घट रही घटना पर जिला प्रशासन और एम्स प्रबंधन नहीं ले रही कोई सुध

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देवघर : खबर है देवघर की जहां देवीपुर स्थित एम्स परिसर में भवन निर्माण के दौरान मंगलवार को काम के दौरान राजमिस्त्री और मजदूर की ट्रॉली नौंवी मंजिल से टूटकर नीचे गिर गई थी. घटना में 1 राजमिस्त्री की मौत हो गई और 1 मजदूर को गंभीर हालत में रांची भेज दिया गया. आज मृतक को उचित मुआवजा दिलाने के लिए सभी मजदूरों ने काम बंद कर कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यालय का घेराव कर दिया है.


कंपनी पर लगाया जा रहा है कई आरोप

एम्स परिसर के विभिन्न भवनों का निर्माण कर रही एन के जी कंस्ट्रक्शन कंपनी पर मजदूरों ने लापरवाही बरतने और मजदूरों की जान के साथ खेलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है. कल देर शाम इसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने वाले राजमिस्त्री महेंद्र सिंह की मौत नौंवी मंजिल से ट्रॉली टूट कर नीचे गिरने से हो गयी है. जबकि इसी ट्रॉली में सवार मजदूर मदन कुमार को गंभीर हालत में रांची भेज दिया गया है. राजमिस्त्री की मौत पर वहां कार्यरत मजदूरों ने मुआवजा की मांग को लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के कार्यालय का घेराव कर दिया है.

ताज़्जुब की बात है कि इस हादसा में मानवता दिखाने की जगह सभी कंपनी के कर्मी फरार हो गए हैं. आक्रोशित मजदूरों ने कंपनी प्रबंधन पर मजदूर की जान के साथ खेलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कंपनी द्वारा मजदूरों को काम करने के दौरान कोई भी सुरक्षा कवच की व्यवस्था नहीं दी जाती है. मांगने पर काम से हटाने की धमकी दी जाती है. उनका कई महीना से उनकी मजदूरी भी नही दी गई है. अब मजदूरों की मजबूरी है कि अपनी मेहनताना के पाने के लिए लगातार काम करते रहना. राजमिस्त्री महेंद्र सिंह भागलपुर के जगदीशपुर थाना के अंगारी गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार के भरण पोषण के लिए मजदूरों ने मुआवजा की मांग को लेकर काम बंद कर कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.

इससे पहले भी इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही सामने आई है.

मजदूर की मौत का यह कोई पहला मौका इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही का सामने नहीं आया है. इससे पहले भी कई मामले उजागर होते आए हैं. कुछ दिन पहले इसी तरह के एक भवन में काम करते हुए दो मजदूर घायल हो गए थे जिसकी सुध कोई नहीं लिया था. घायल मजदूर स्वयं बाहर से इलाज करवाया था. इससे कुछ ही दिन पहले इसी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा एक भवन ने वेल्डिंग का काम करते समय अचानक आग लग गयी थी. उस समय भी आग पर काबू पाने का कोई साधन मौजूद नहीं था. किसी तरह आग पर काबू पाया गया था. अब राजमिस्त्री की मौत की घटना से साफ जाहिर होती है कि कंपनी की मंशा मजदूरों के प्रति कैसा है.

एम्स में क्यों नहीं हुआ इलाज,उठ रहे सवाल

एम्स परिसर में ओपीडी के अलावा कई चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध है. यहां पर दूर दराज से आये मरीजों का उचित औऱ बेहतर इलाज हो पा रहा है. लेकिन एम्स परिसर में विभिन्न बिल्डिंग के निर्माण में कार्यरत मजदूरों का इलाज एम्स में क्यों नहीं किया जाता है यह सवाल मजदूर द्वारा उठाया जा रहा है. भवन निर्माण में घायल होने के बाद मजदूरों को स्वयं अपना इलाज बाहर किसी अस्पताल में कराना पड़ता है. मजदूरों ने आरोप लगाया है कि बहला फुसलाकर हमसे काम तो लिया जा रहा है लेकिन सुरक्षा की मानकों और बीमारी का इलाज नहीं किया जा रहा.

एम्स में कार्यरत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर क्या श्रम विभाग की नज़र नहीं है या फिर जिला प्रशासन और एम्स प्रबंधन मजदूरों की हितैषी नहीं है. यह सवाल मजदूरों द्वारा पुरजोर उठाया जा रहा है.



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