देवघर में बसंत पंचमी के दिन अपाड़ भीड़ की संभावना : डीसी ने कहा, श्रद्धालुओं को कराई जाएगी हर सुविधा और सुरक्षा मुहैया

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देवघर : देश भर में बसंत पंचमी का त्योहार विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा के रुप में मनाया जाता है. लेकिन देवघर के विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर में बसंत पंचमी के दिन बाबा को तिलकोत्सव के रुप में मनाया जाता है और तिलक का यह रस्म अदा करने मिथिलांचल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बड़ी-बड़ी कांवर लेकर बाबा धाम पहुंचते हैं. बाबा का तिलकोत्सव कर एक-दूसरे को बधाई देते हुए शिवरात्रि के अवसर पर शिव विवाह में शामिल होने का निमंत्रण देते हैं. बसंत पंचमी के दिन अपार भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए डीसी विशाल सागर ने मंदिर परिसर से लेकर पूरे रूट लाइन का निरीक्षण किया.


आइये जानते हैं तिलकोत्सव क्यों मनाया जाता है--


माता सीता मिथिला नरेश राजा जनक की पुत्री थी. इसलिए मिथिलांचलवासी सीता माता को अपनी बहन मानते हैं. सीता का विवाह महाशिवरात्रि के दिन हुआ था और इनका तिलक फलदान बसंत पंचमी के दिन हुआ था. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मिथिलांचल वासी बाबा बैद्यनाथ को तिलक चढ़ाने देवघर पहुँचते हैं. विशेष प्रकार के कांवर, वेश-भूषा और भाषा से अलग पहचान रखने वाले ये मिथिलावासी अपने को बाबा का संबंधी मानते हैं और इसी नाते बसंत पंचमी के दिन बाबा के तिलकोत्सव में शामिल होने देवघर आते हैं. अभी से ही कई टोलियों में आ रहे मिथिलावासी शहर के कई जगहों पर इकठ्ठा होते हैं और बड़ी श्रद्धा से पूजा-पाठ,पारंपरिक भजन-कीर्तन करते हैं. बसंत पंचमी के दिन बाबा का तिलकोत्सव मनाते हैं खुशियाँ बांटते हैं और एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर बधाईयाँ देते हैं. इसके बाद से इनलोगों की होली की भी शुरुआत हो जाती है.

अति प्राचीन परंपरा आज तक निभाई जा रही है

बाबा मंदिर के तीर्थ-पुरोहितों की मानें तो बसंत पंचमी के अवसर पर मिथिलांचल के लोगों द्वारा देवाधिदेव महादेव को तिलक चढाने की अति प्राचीन परम्परा रही है. कहते हैं कि ऋषियों- मुनियों ने इस परंपरा की शुरुआत की थी जिसे आज तक ये मिथिलावासी निभाते आ रहे हैं. यही कारण है कि मिथिला वासियों की विशेष कांवर से मंदिर ही नहीं मंदिर परिसर के आसपास क्षेत्र पटा पड़ा है. बसंत पंचमी के मौके को देखते हुए सुलतानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा से एक विशेष तरह के काँवर में जल भर कर ये श्रद्धालू देवघर पहुंच रहे हैं. बसंत पंचमी के दिन बाबा पर तिलक चढ़ाने के बाद बाबा को हिमालय पुत्री माँ पार्वती के विवाह में शामिल होने का निमंत्रण दे कर वापस अपने घर लौट जाते हैं.

सुलभ जलार्पण के साथ सुरक्षा प्रशासन की प्राथमिकता

बसंत पंचमी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की जाएगी. देवघर पहुँच रहे मिथिलांचल वासियों से पूरा शहर पट गया है. शहर के पानी टंकी,आर एल सर्राफ स्कूल मैदान,नेहरू पार्क इत्यादि स्थानों पर मिथिला वासियों से पट गया है. वहां पर भी इनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जाएगा. आज जिला उपायुक्त विशाल सागर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मंदिर परिसर सहित पूरे रूट लाइन का निरीक्षण किया. डीसी ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन अपार भीड़ उमड़ने की संभावना है. श्रद्धालुओं को सुलभ, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से जलार्पण कराना प्रशासन की प्राथमिकता है. सभी संभावित स्थानों पर दंडाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. डीसी ने कहा कि श्रद्धालुओं को हर सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.