नीतीश कुमार का बड़ा सियासी कदम : गुलाम रसूल बलियावी को पार्टी में दी बड़ी जिम्मेदारी, अल्पसंख्यक समाज को साधने की कोशिश
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एक बार फिर राजनीतिक पटल पर बड़ा दांव खेलते हुए गुलाम रसूल बलियावी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। बलियावी पहले भी जेडीयू में इस पद पर रह चुके हैं लेकिन नई कमेटी के गठन के दौरान उन्हें साइडलाइन कर दिया गया था। अब इस नई जिम्मेदारी के साथ उनकी वापसी हुई है।
जेडीयू महासचिव आफाक अहमद खान की ओर से जारी एक आधिकारिक पत्र में गुलाम रसूल बलियावी की नियुक्ति की पुष्टि की गई। इसे अल्पसंख्यक समुदाय को एक मजबूत संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है।
राजनीतिक अनुभव और जिम्मेदारी
गुलाम रसूल बलियावी का सियासी करियर काफी समृद्ध रहा है। वे राज्यसभा सांसद और विधान परिषद के सदस्य के रूप में जेडीयू का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल के प्रभारी के तौर पर पार्टी के लिए अहम भूमिका निभा चुके हैं। हालांकि, बीते लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें पार्टी के प्रमुख निर्णयों से अलग रखा गया था।
अल्पसंख्यक समाज को साधने की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार ने इस नियुक्ति के जरिए अल्पसंख्यक समाज को साधने की रणनीति अपनाई है। गुलाम रसूल बलियावी की पुनः नियुक्ति न केवल पार्टी के भीतर एकता को मजबूत करेगी बल्कि आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक वोट बैंक को भी साधने में सहायक होगी। इस फैसले के साथ नीतीश कुमार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी में अनुभवी और प्रभावशाली नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
(पटना से राजीव रंजन की रिपोर्ट)