BREAKING : BPSC ने खान सर को भेजा कानूनी नोटिस, 15 दिनों में माफी मांगने का निर्देश, कहा : नहीं मांगी माफी तो...
Legal Notice To Khan Sir :इस वक्त एक और बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने पटना के मशहूर शिक्षक खान सर को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस खान सर द्वारा आयोग पर गंभीर आरोप लगाने और आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में जारी किया गया है। आयोग ने कहा कि खान सर के बयान से उसकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को ठेस पहुंची है।
क्या है मामला?
कुछ दिन पहले खान सर ने बिहार लोक सेवा आयोग पर आरोप लगाया था कि आयोग में सीटें बेची जा रही हैं और इसके लिए बड़े अधिकारियों का हाथ है। उन्होंने आयोग के अधिकारियों को "चोर-चोट्टा" जैसे शब्दों से संबोधित किया था। इस बयान के बाद छात्रों में असंतोष बढ़ा और कई स्थानों पर प्रदर्शन भी हुए।
बीपीएससी ने पटना, दिल्ली, प्रयागराज और अन्य शहरों में खान ग्लोबल के केंद्रों पर नोटिस भेजकर इस पर जवाब मांगा है। आयोग का कहना है कि खान सर ने अभ्यर्थियों को भड़काया और सार्वजनिक अशांति फैलाने का प्रयास किया।
माफी के लिए 15 दिन की मोहलत
बीपीएससी ने खान सर को 15 दिनों के भीतर बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने पांच पन्नों के नोटिस में आरोप लगाया कि खान सर ने अभ्यर्थियों को आयोग के खिलाफ प्रदर्शन के लिए उकसाया, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति बनी।
आयोग का बयान
बीपीएससी ने कहा कि खान सर की टिप्पणी अपमानजनक और निराधार है। उनके आरोपों ने न केवल आयोग की साख को चोट पहुंचाई है बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है। यह कृत्य पूरी तरह से अनुचित और गैरकानूनी है।
आयोग की मांग
आयोग ने खान सर से पूछा है कि उन्होंने किस आधार पर यह दावा किया कि आयोग की सीटें बेची जा रही हैं। साथ ही उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
क्या होगा अगर माफी नहीं मांगी गई?
अगर खान सर 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ बिहार लोक सेवा आयोग आपराधिक और सिविल कार्रवाई करेगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा।
खान सर की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस मामले में खान सर की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन यह मामला शिक्षा जगत और छात्रों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।