'पुराने गड़े-मुर्दे उखाड़ रहे हैं राहुल गांधी' : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पर बीजेपी का तीखा हमला, कहा : नहीं है उनके पास खुद का ज्ञान
PATNA : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भारतीय जनता पार्टी बिफर पड़ी है। जी हां, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक मनोज शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर क्रमवार तरीके से जवाब दिया है। मनोज शर्मा ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं।
दरअसल, स्व. जगलाल चौधरी जी की मृत्यु 1975 में हुई थी, पिछले 50 साल से ना तो राहुल गांधी को जगलाल चौधरी की याद आई और ना ही बिहार कांग्रेस को उनकी याद रही। इस दरमियान सबसे लंबे समय तक सत्ता में कांग्रेस की सरकार रही, ना तो उनकी पुण्यतिथि मनायी गयी और ना ही जयंती मनाई गई। अब जब बिहार में चुनावी साल है तो इन लोगों ने अपने पुराने दलित नेताओं की कब्र खोदनी शुरू कर दी है।
राहुल राहुल गांधी को अपना ज्ञान तो है नहीं, जो दूसरे पढ़ाते हैं, वह पढ़ लेते हैं। इनको शायद पता नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दलितों के पैर धोकर उनके चरणामृत को पिया है। आदिवासी दलित के ऐसे प्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जी पर जब राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें मोदी सरकार की उन योजनाओं को एक बार सरसरी निगाह से पढ़ लेनी चाहिए, उन्हें पता चल जाएगा कि केंद्र सरकार कितनी योजनाएं दलित, महादलित, पिछड़े, आदिवासी के लिए चला रही है। राहुल गांधी सत्ता के अभाव में कब्र खोद रहे है और देश दलित पिछड़े मोदी सरकार से जुड़ कर विकास कर रहे हैं।
राहुल गांधी के ज्ञानवर्धन के लिए कुछ योजनाओं का जिक्र कर रहा हूं, जिससे दलित औरपिछडे समाज के लोगों ने भरपूर लाभ उठाया है।
आयुष्मान भारत योजना - इस योजना का मकसद है बीपीएल कार्डधारक गरीबों को मुफ्त इलाज मिल सके। विभिन्न आंकड़े कहते हैं कि देश में गरीबों में बहुतायत दलित-पिछड़े-आदिवासी शामिल हैं, इसलिए इस योजना का लाभ भी इन्हीं लोगों को सबसे ज्यादा मिल रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन - मोदी सरकार की एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना में शामिल है स्वच्छ भारत मिशन, जिसके माध्यम से सरकार द्वारा हर द्वार पर शौचालय बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है और इसका भी सबसे बड़ा लाभार्थी दलित—पिछड़ा और आदिवासी वर्ग है।
प्रधानमंत्री आवास योजना - प्रधानमंत्री आवास योजना भी पीएम मोदी के कार्यकाल की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके माध्यम से वंचित वर्ग जिसमें दलित-आदिवासी-पिछड़े बहुतायत में शामिल हैं, लाभान्वित हुए हैं।
उज्ज्वला योजना - दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों को सबसे ज्यादा इस योजना का लाभ मिला है क्योंकि आमतौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े यही वर्ग हैं तो जाहिर तौर पर इस वर्ग की महिलाओं को इस योजना ने धुएं से मुक्ति दिलाने का काम किया है, जिससे वह कई रोगों से बचेंगी।
पीएम किसान सम्मान निधि - यह योजना छोटे और सीमांत किसान परिवारों यानी जिनके पास दो हेक्टेयर तक जमीन है, को ध्यान में रखकर मोदी सरकार द्वारा लॉन्च की गयी थी। जाहिर तौर पर इसके भी सबसे बड़े लाभार्थी दलित—पिछड़े-आदिवासी हैं, क्योंकि वही सबसे कम जोतों के मालिक हैं। इस योजना के तहत सरकार किसान परिवारों को सालाना 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद तीन किश्तों में देती है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी फ्री राशन योजना के सबसे बड़े लाभार्थी दलित-पिछड़े-आदिवासी हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ यानी पीएमजीकेएवाई को 5 साल के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया था। 1 जनवरी 2024 से 5 साल तक 81.35 करोड़ लोगों को फ्री राशन मिलता रहेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना- लोहार, सुनार, कुम्हार, बढ़ई, चर्मकार, दर्जी समेत 18 पारंपरिक कार्यों से जुड़े कारीगरों को केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ट्रेनिंग दी जाती है और इस दौरान उन्हें पांच सौ रुपये प्रतिदिन भत्ता और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। कारीगरों को इस योजना के तहत पांच प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज भी केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के कारण दलित-पिछड़े और आदिवासी युवा न सिर्फ रोजगार से जुड़े हैं, बल्कि स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित हुए हैं।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना- यह योजना खासतौर पर दलितों को केंद्र में रखकर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनायी गयी है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत उन गांवों को आदर्श गांवों में विकसित किया गया, जिनकी आबादी में 50 प्रतिशत जनसंख्या दलितों की है।
दलित युवाओं के लिए पहली बार वेंचर कैपिटल फंड की शुरुआत - प्रधानमंत्री मोदी ने दलित युवाओं को स्टार्टअप शुरू करने के लिए देश में पहली बार वेंचर कैपिटल फंड (Venture Capital Fund for Scheduled Castes) की शुरुआत की थी। मोदी सरकार ने 16 जनवरी 2015 को Venture Capital Fund for Scheduled Castes योजना शुरू की थी। इसमें उन कंपनियों को 20 लाख से 15 करोड़ का लोन दिया जाता जिसमें 50 प्रतिशत या उससे अधिक दलित स्वामित्व होता है।
दलित उद्यमियों के उद्यम को कर्ज लेने के लिए 5 करोड़ रुपये तक की गांरटी देने के लिए भी देश में पहली बार मोदी सरकार ने “Credit Enhancement Guarantee Scheme for Scheduled Castes” की शुरुआत की थी। जुलाई, 2014 के अपने पहले बजट में मोदी सरकार ने 200 करोड़ रुपये की धनराशि इस योजना के लिए जारी की थी।
दलितों को उद्योग-धंधे लगाने के लिए सहायता- प्रधानमंत्री मोदी ने दलित समाज को आर्थिक रुप से मजबूती प्रदान करने के लिए कई योजनाओं की तरह मुद्रा योजना की भी शुरुआत की थी।अनुसूचित जाति/जनजाति हब की स्थापना की गई थी।
दलित उत्पीड़न कानून को संशोधित करके सख्त बनाया - इस सख्त कानून को 26 जनवरी 2016 को मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया। इस संशोधन से दलितों को त्वरित न्याय दिलाने की मोदी सरकार की मुहिम को बल मिला था। कानून में दलित उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई करने के लिए विशेष अदालतों के गठन और सरकारी वकीलों की उपलब्धता को सुनिश्चित कर दिया गया था।
दलितों के अंतरजातीय विवाह करने पर आर्थिक सहायता - अगर कोई दलित से अंतरजातीय विवाह करता है तो उस नवविवाहित युगल को मोदी सरकार द्वारा 2 लाख 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। ये आर्थिक सहायता डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज के तहत दी जाती है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सीलमपुर में बुर्के में महिलाओं से फर्जी मतदान करवाया जा रहा है। इस दौरान आप और भाजपा समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए, जिससे हंगामा होने लगा। बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने माना कि किसी और के नाम पर दूसरे लोग वोट डाल गए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जांच में कहा कि नाम एक जैसे होने की वजह से कंफ्यूजन हुआ।
इसके बाद यहां पुलिस जांच कर रही है। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि नॉर्थ एवेन्यू एन ब्लॉक में 2000-3000 रुपए बांटे गए और लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाई गई। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है।
(पटना से राजीव रंजन की रिपोर्ट)