Bihar News : बिहार में अब जल्द सुलझेंगे साइबर अपराध से जुड़े केस, राज्य को मिलेंगे 2 फॉरेंसिक लैब, साइबर अपराध पर नकेल कसना होगा आसान

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PATNA :विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पटना एवं क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की दो इकाइयों को स्थापित करने हेतु कुल राशि ₹13 करोड़ 66 लाख 50 हजार 752 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर के संस्थान राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU), गांधीनगर परामर्शी के रूप में कार्य करेगा।

अब जल्द सुलझेंगे साइबर अपराध से जुड़े केस

साइबर अपराधों पर नियंत्रण हेतु वर्ष 2023 में प्रत्येक जिला (रेल सहित) के लिए कुल 44 साइबर थाना का शुभारंभ किया गया, जो पूरी तरह कार्यरत है। साइबर अपराध से संबंधित जब्त प्रदर्शों के संबंध में न्यायालय में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। साथ ही नए आपराधिक कानून के तहत 7 साल से अधिक की सजा वाले अपराध में फॉरेंसिक सहायता की अनिवार्यता का प्रावधान किया गया है लेकिन साइबर अपराध से संबंधित प्रदर्शों की फॉरेंसिक जांच करने हेतु राज्य में आधुनिक तकनीकी से युक्त साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला अपराध अनुसंधान विभाग अन्तर्गत स्थापित नहीं है।

परिणामस्वरूप राज्य के साइबर एवं अन्य थानों द्वारा अनुसंधान के दौरान जब्त किए गये प्रदर्शों की फॉरेंसिक जांच ससमय नहीं हो पाती है तथा साइबर अपराधों से संबंधित प्रदर्श काफी संख्या में जमा हो जाते हैं। अन्य राज्यों के साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं के द्वारा भी राज्य के थानों से प्रेषित प्रदर्शों के ससमय जांच में वांछित सहयोग नहीं मिल पाता है। प्रदर्शों के ससमय जांच नहीं हो पाने के कारण कांडों के उद्भेदन और अनुसंधान बाधित होता है और प्रदर्शों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती है।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पटना में साइबर फॉरेंसिक इकाई स्थापित हो जाने से साइबर अपराध से संबंधित प्रदर्शों की फॉरेंसिक जांच ससमय हो सकेगा। वहीं, क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में साइबर फॉरेंसिक इकाई स्थापित हो जाने से प्रदर्शों की जांच के साथ-साथ प्रशिक्षुओं को साइबर फॉरेंसिक संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

आगामी 14 माह में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की 2 इकाइयां राज्य में स्थापित होंगी। साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की 2 इकाइयों विधि विज्ञान प्रयोगशाला, पटना एवं क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला, बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर में आगामी 14 माह में स्थापित हो जाएंगी। इसके लिए राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU), गांधीनगर परामर्शी के रूप में कार्य करेगा। साथ ही NFSU 5 वर्षों तक इन प्रयोगशालाओं को हैंडहोल्डिंग सपोर्ट तथा 12 साइंटिफिक ऑफिसर/ साइबर एक्सपर्टस (दोनों इकाइयों के लिए 06-06) भी उपलब्ध कराएगा।

राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) फॉरेंसिक विज्ञान से संबंधित शोध का एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है, जिसके द्वारा कई पुलिस तथा अन्य संस्थाओं, यथा एनआईए, जीएसटी काउंसिल, ईडी, दिल्ली पुलिस आदि को अपना स्वतंत्र साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला स्थापित करने में सहायता प्रदान की गयी है। चूंकि राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान, विश्वविद्यालय (NFSU) को इस क्षेत्र में पर्याप्त विशेषज्ञता प्राप्त है, इसलिए राज्य में साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की स्थापना में उनका सहयोग काफी उपयोगी होगा।

अपनी विशेषज्ञता के कारण राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) Accreditation तथा Certification की विधिक आवश्यकताओं को साइबर फॉरेंसिक इकाइयों की स्थापना काल से ही पूरा करने में सक्षम है। इस प्रकार बिहार में पहली बार मान्यता प्राप्त (accredited) साइबर लैब स्थापित होंगे।

साइबर / फॉरेंसिक से संबंधित कांडों का ससमय पूर्ण होगा अनुसंधान

साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की 2 इकाइयों की स्थापना से साइबर / फॉरेंसिक से संबंधित कांडों के अनुसंधान को गति मिलेगी। साथ ही ससमय निष्पादन किया जा सकेगा। वर्तमान में साइबर / फॉरेंसिक से संबंधित साक्ष्यों की जांच हेतु अन्य राज्यों में स्थापित प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है, जिससे जांच रिपोर्ट आने में विलंब होता है। इससे कांडों का अनुसंधान एवं उद्भेदन में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है।

अकादमी स्थित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आधुनिक तकनीक से युक्त साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला की एक इकाई की स्थापना होने पर प्रशिक्षुओं को साइबर फॉरेंसिक संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।