रांची में जबरन जमीन कब्जाने की कोशिश : साकेत विहार के प्लाट नंबर 1972 पर जबरन कब्जा, जमीन मालिक पुलिस प्रशासन से लगा रहा गुहार

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 Attempt to forcibly grab land in Ranchi s Saket Bihar  Attempt to forcibly grab land in Ranchi s Saket Bihar

रांची. अरगोड़ा थाना क्षेत्र के साकेत विहार कालोनी में एक विवादित जमीन पर जबरन कब्जा करने की का मामला सामने आया है. कालोनी के खाता संख्या 40 के प्लाट नंबर 1972 बी पर रविवार को महेंद्र सोनी नामक व्यक्ति की ओर से निर्माणकार्य शुरू करने के लिए पिलरिंग डिमार्केशन का काम शुरू किया गया. इस जमीन को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में 19 जून को क्रिमिनल रिट याचिका 14311 ऑफ 2024 दायर की गयी है.

एडवोकेट अमरेंद्र प्रधान का कहना है कि अरगोड़ा थाना पुलिस की इस मामले पर महेंद्र सोनी को सहयोग करते हुए मेरे मुवक्किलों को परेशान कर रही है. उन्होंने कहा है कि 15 जून को नीतेश सोनी और जीतेश सोनी को सेक्शन 41 के तहत नोटिस दिया गया, फिर 16 जून को इस जमीन की बाउंड्री तोड़ कर वहां लगे सीसीटीवी का डीबाआर भी चोरी कर लिया गया और उल्टे दोनों भाइयों पर 17 जून को प्राथमिकी दर्ज कर दिया गया. 17 जून को दर्ज प्राथमिकी के बाद उसे सीजीएम कोर्ट में भी उसी दिन भेज दिया गया. निर्माण स्थल पर मौजूद महेंद्र सोनी के पुत्र ने कवरेज करने गये मीडियाकर्मियों के साथ रविवार को दुर्व्यवहार किया और देख लेने की धमकी भी दी.

19 जून को दायर याचिका सूचिबद्ध भी कर लिया गया है. इसके अलावा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भी एक मामला विचाराधीन है. बावजूद इसके महेंद्र सोनी की तरफ से जबरन भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गयी. महेंद्र सोनी की तरफ से 17 जून को जीतेश सोनी और नितेश सोनी के खिलाफ अरगोड़ा थाना में एक एफआइआर दर्ज करते हुए दोनों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने संबंधी आरोप लगाये गये हैं. इस बाबत नीतेश सोनी ने बताया कि उनकी खरीदी हुई जमीन को जबरन महेंद्र सोनी हड़पना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि विकास गृह निर्माण सहकारी समिति का अस्तित्व 2012 में ही समाप्त हो गया है. महेंद्र सोनी ने जो जमीन खरीदी है, उसकी चौहद्दी बिल्कुल अलग है. हमलोगों ने जो जमीन खरीदी है, वह बिल्कुल अलग है. महेंद्र सोनी ने समिति से सब प्लाट 10 सी, रकबा 5.40 डिसमिल खरीदा है.

नीतेश सोनी के अनुसार उनका प्लाट संख्या 1972 है, जो खाता 40 से आया है और 2022 में उन लोगों ने जमीन खरीदी थी. इसका म्यूटेशन भी अरगोड़ा अंचल से 1979 आर-27, 2021-22 के तहत 31 दिसंबर 2021 को किया गया. जिसमें कुल रकबा 6.25 डिसमिल दिखाया गया है. यह जमीन अब तक नीतेश और जीतेश के कब्जे में थी. अब थाने की ओर से अलग कहानी गढ़ कर मूल जमीन मालिक को परेशान किया जा रहा है. इसके लिए अरगोड़ा अंचल की तरफ से दाखिल-खारिज भी किया गया. अरगोड़ा अंचल के तत्कालीन अंचल अधिकारी अरविंद ओझा ने भी 29.11.2021 को डीमारकेशन रिपोर्ट भी सौंपी थी. उन्होंने राज्य के डीजीपी अजय सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा, महानिरीक्षक समेत अन्य अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह भी किया है.

रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट..