'पशुपति पारस के साथ नहीं हुई कोई नाइंसाफी' : नीतीश के सांसद का दो टूक बयान, कहा : बीजेपी ने जरूरत से अधिक दी तरजीह
PATNA : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस के केन्द्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गयी है। इस मामले पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने दो टूक बयान दिया है।
'पशुपति पारस के साथ नहीं हुई कोई नाइंसाफी'
जेडीयू नेता और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि उनके इस्तीफे से न तो मोदी सरकार पर असर पड़ेगा और न गठबंधन पर। पशुपति कुमार पारस के साथ कोई भी नाइंसाफी नहीं हुई है। बीजेपी और केन्द्र सरकार ने जरुरत से अधिक उन्हें तरजीह दी है।
चिराग पासवान के पास है अधिक जनसमर्थन
इसके साथ ही वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बीजेपी को लगता है कि उनसे अधिक उनके भतीजे चिराग पासवान के पास जनसमर्थन है लिहाजा भारतीय जनता पार्टी ने चिराग पासवान पर भरोसा किया है। पशुपति कुमार पारस के जाने से भी चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विजय कुमार सिन्हा का बड़ा बयान
वहीं, पशुपति कुमार पारस के इस्तीफे पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी ने कितना सम्मान दिया है और उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया। चिराग पासवान को छोड़कर इन्हें लगातार सम्मान मिलते रहा, उसके बाद अगर नये लोगों को अवसर मिल रहा है तो इन्हें आशीर्वाद देना चाहिए और इन्हें मिलकर चिराग पासवान को आगे बढ़ाना चाहिए। आपको पता है कि पीएम मोदी पुराने को भी सम्मान देते हैं और नये का भी स्वागत करते हैं।
'घर की बात घर में सुलझा लें पारस'
वहीं, बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि उन्हें तो पीएम नरेन्द्र मोदी का एहसानमंद होना चाहिए। पशुपति कुमार पारस को नरेन्द्र मोदी ने संसद से लेकर केन्द्रीय मंत्री बनाने तक का काम किया है। अगर घर की बात घर में सुलझ जाए तो बढ़िया होगा।