बी. एन. टी. संत मेरी स्कूल में सम्मान समारोह : सत्यम कुमार को मिला अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा में प्रथम स्थान

Edited By:  |
Satyam Kumar got first position in international scholarship examination Satyam Kumar got first position in international scholarship examination

गढ़वा: गढ़वा शहर के सोनपुरवा स्थित बी. एन. टी. संत मेरी स्कूल में आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में विद्यालय के 12वीं विज्ञान संकाय के छात्र सत्यम कुमार सिन्हा को अंतरराष्ट्रीय मेक्स्ट छात्रवृत्ति परीक्षा में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त करने के उपलक्ष्य में सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित कुमार तिवारी और निदेशक महोदय ने संयुक्त रूप से सत्यम कुमार को स्मृति चिन्ह देकर उसे सम्मानित किया।

यह मेक्स्ट परीक्षा जापान के शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाती है, जिसमें विभिन्न देशों के विद्यार्थी भाग लेते हैं। उत्तीर्ण विद्यार्थियों को जापान की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इस वर्ष भारत से कुल 12 विद्यार्थियों का चयन हुआ था, जिनमें सत्यम कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

समारोह की शुरुआत में विद्यालय के उप प्रधानाचार्य संजीव रंजन तिवारी ने सत्यम कुमार के विद्यार्थी जीवन पर प्रकाश डालते हुए उसकी इस शानदार उपलब्धि के बारे में बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, "अपनी प्रतिभा के बल पर एक विद्यार्थी पूरी दुनिया में अपनी सफलता का परचम लहरा सकता है।"

इसके बाद, प्रधानाचार्य अमित कुमार तिवारी ने विद्यालय परिवार की ओर से सत्यम को बधाई देते हुए कहा कि विद्यालय हमेशा अपने विद्यार्थियों को शैक्षिक और सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव सुविधा प्रदान करने के लिए कार्यरत रहता है। उन्होंने कहा, "हमारे विद्यालय से प्रत्येक वर्ष कई छात्र-छात्राएं दसवीं और 12वीं की परीक्षा के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।"

सत्यम कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा, "इस विद्यालय की भूमिका मेरे जीवन में हमेशा महत्वपूर्ण रही है। मुझे यहां उचित मार्गदर्शन और अवसर मिला, जो मेरी सफलता की कुंजी साबित हुआ।" सत्यम ने विद्यार्थियों को यह भी संदेश दिया कि "अगर कोई भी छात्र अपने सपने को साकार करना चाहता है, तो यह केवल कठिन परिश्रम और उचित मार्गदर्शन से संभव है।"

यह सम्मान समारोह विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना और उनके मनोबल को बढ़ाया।