Bihar News : लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू, सेक्टर पदाधिकारियों को चुनाव के कई पहलुओं की दी गई जानकारी

Edited By:  |
Reported By:
 Preparations for Lok Sabha elections begin in Bihar  Preparations for Lok Sabha elections begin in Bihar

PATNA :पटना जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक तथा वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना राजीव मिश्रा द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 हेतु नियुक्त सेक्टर पदाधिकारियों एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।


पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल, गांधी मैदान में आयोजित संयुक्त ब्रीफिंग में इन पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम शीर्षत कपिल अशोक और एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि सभी सेक्टर पदाधिकारी एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारी आपस में सुदृढ़ समन्वय स्थापित रखें तथा निर्वाचन संबंधी दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करें।

सेक्टर पदाधिकरियों और सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों को चुनावी गुर सिखाते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि आप सभी सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया की रीढ़ हैं। आपका कार्य बहुआयामी है। जिलाधिकारी ने कहा कि सेक्टर पदाधिकारी अपने-अपने सेक्टर में जिला निर्वाचन पदाधिकारी के प्रतिनिधि होते हैं। पूरा डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन मैनेजमेंट उन्हीं के अगल-बगल घूमता है। आपको अपने कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन निष्पक्षता, पारदर्शिता तथा व्यवहार-कुशलता से करना होगा।

इसके लिए आप सभी को पूर्व मे ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आप सभी सेक्टर पदाधिकारी एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारियों का उपयोग करते हुए अपने-अपने दायित्वों का आयोग के निदेशों के अनुसार निर्वहन करेंगे।

मुंगेर, पटना साहिब और पाटलिपुत्र संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत 14 (चौदह) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र (178-मोकामा से 191-बिक्रम) शामिल है, जिसमें कुल 4,877 (चार हजार आठ सौ सतहत्तर) मतदान केन्द्र अवस्थित है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा इन निर्वाचन क्षेत्रों को 506 सेक्टर में विभाजित करते हुए सेक्टर पदाधिकारियों को मतदान केन्द्रों के साथ संबद्ध किया गया है। सामान्यतः दस मतदान केन्द्रों पर एक सेक्टर पदाधिकारी को तैनात किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रतिनियुक्त सेक्टर पदाधिकारी लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28क के तहत प्रतिनियुक्ति की तारीख से निर्वाचन परिणाम के घोषित किए जाने की तारीख तक भारत निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्त समझे जाएंगे और तदनुसार उस अवधि के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन कार्यरत रहेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि सेक्टर पदाधिकारी और सेक्टर पुलिस पदाधिकारी न केवल निष्पक्षता के साथ कार्य करेंगे बल्कि लोगों के बीच उनकी कार्य निष्पक्षता परिलक्षित भी होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्राधीन सेक्टर पदाधिकारियों तथा सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों के कार्यों का लगातार पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने सेक्टर पदाधिकारियों के मतदान से पूर्व, मतदान के दिन एवं मतदान के बाद के उत्तरदायित्वों एवं कर्तव्यों का बोध कराते हुए कहा कि सेक्टर पदाधिकरियों का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। आप लोग हमारी आंख हैं। आप ही की आंखों से हम पूरे निर्वाचन प्रक्रिया को मॉनिटर करते हैं। सेक्टर पदाधिकारी राजनीतिक दलों, पीठासीन पदाधिकारी, निर्वाची पदाधिकारी/जिला निर्वाचन पदाधिकारी के मध्य की कड़ी हैं।

निर्वाचन की अधिसूचना के पूर्व से निर्वाचन प्रक्रिया की समाप्ति तक निर्वाचन प्रबंधन के लिए आप उत्तरदायी हैं। आप अपने क्षेत्राधीन सभी स्तरों से पूर्णतः अवगत हैं। चेकलिस्ट के अनुसार आपको अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करना है। मतदान केन्द्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं (एएमएफ) की उपलब्धता, मतदान केन्द्रों का व्यापक प्रचार, मतदान केन्द्रों के पहुंच पथ का निरीक्षण एवं सुझाव, ईवीएम-वीवीपैट जागरूकता, भेद्यता मानचित्रण तथा भेद्य टोलों में लगातार भ्रमण, सम्पर्क संख्या प्राप्त करना, लगातार बैठक करना, मतदाताओं में विश्वास निर्माण करना, मतदान केन्द्र और मतदान दल का मोबाइल नंबर प्राप्त करना, उत्कृष्ट कॉम्युनिकेशन प्लान, क्षेत्र के अंतर्गत गतिविधियों पर नजर रखना, आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराना, मॉक पोल का संचालन आदि आपकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

आपकी प्रतिनियुक्ति इस प्रकार की गई है कि एक से दो घंटों में सभी मतदान केन्द्रों पर पहुंचा जा सके। मतदान के दिन कम-से-कम सात दिन पूर्व आपको विशेष कार्यपालक दंडाधिकारी की शक्ति प्रदत्त की जाती है। अतः आप सभी अपने-अपने दायित्वों का कुशलता से निर्वहन करें तथा भारत निर्वाचन आयोग के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएं।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रतिनियुक्त सेक्टर पदाधिकारी भेद्य टोलों में लगातार भ्रमण करें, सम्पर्क संख्या प्राप्त करें एवं लगातार बैठक करें, मतदाताओं के बीच आत्मविश्वास जागृत करें, यह सुनिश्चित करें कि किसी भी व्यक्ति/समूह द्वारा मतदाताओं को भयभीत न किया जाए/प्रलोभन न दिया जाए। राइट टू वोट पर थ्रेट उत्पन्न करनेवालों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करें।

डीएम ने कहा कि चुनाव में उड़न दस्ता (फ्लाइंग स्क्वॉयड) तथा सर्विलांस टीम तैनात किया जाएगा। असामाजिक तत्वों द्वारा निर्वाचकों को डराने, धमकाने, प्रभावित करने और प्रलोभन देने के सभी प्रयासों को उड़न दस्ता (फ्लाइंग स्क्वायड) तथा सर्विलांस टीम द्वारा विफल किया जाएगा। डीएम ने कहा कि निर्वाचकों को प्रभावित करने के लिए नकदी या घूस की कोई भी वस्तु का वितरण या बाहुबल का इस्तेमाल करना आईपीसी की धारा 171(ख) और धारा 171(ग) के अंतर्गत अपराध है।

असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। आप सभी सेक्टर पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी इस पर नजर रखेंगे। ज़िलाधिकारी ने निर्वाचकों से भी बिना किसी भय या प्रलोभन के निर्वाचन प्रक्रिया में सक्रियता से भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त वयस्क मताधिकार का सुसूचित, नैतिक एवं प्रलोभन-मुक्त तरीके से प्रयोग कर हम अपने समृद्ध लोकतंत्र को एक नया आयाम दे सकते है।

आज के इस कार्यक्रम में सेक्टर पदाधिकारियों तथा सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों को चुनाव के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। ईवीएम-वीवीपैट जागरूकता, भेद्यता मानचित्रण, मॉक पोल, आदर्श आचार संहिता का अनुपालन, विधि व्यवस्था संधारण आदि के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिया गया। अपर जिला दण्डाधिकारी विधि-व्यवस्था, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन, अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों एवं निर्देशों के बारे में बताया गया।

जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि स्वच्छ, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें प्रशिक्षण अहम भूमिका निभाता है। आप सभी को लगभग 10 दिन पूर्व प्रशिक्षित किया जा चुका है। आशा है आप सभी सेक्टर पदाधिकारी एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारी प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारियों का उपयोग करते हुए अपने-अपने दायित्वों का आयोग के निर्देशों के अनुसार निर्वहन करेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि निर्वाचन कार्य में संलग्न हर एक पदाधिकारी एवं कर्मी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह निर्वाचन प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग है। प्रशिक्षण पदाधिकारियों एवं कर्मियों को भारत निर्वाचन आयोग के निदेशों का त्रुटिरहित, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय ढंग से अनुपालन सुनिश्चित करने के योग्य बनाता है।

1. मतदान से पूर्व सेक्टर पदाधिकारियों का दायित्वः

मतदान केन्द्रों का लगातार भ्रमण करना, मतदान केन्द्रों के पहुंच पथ का निरीक्षण एवं सुझाव देना, नए स्थापित मतदान केन्द्रों का व्यापक प्रचार करना और मतदान केन्द्रों पर एएमएफ की उपलब्धता प्रतिवेदित करना, कम्युनिकेशन प्लान डेवलप करना, यह सुनिश्चित करना कि मतदान केन्द्र क्षेत्र से 200 मीटर की परिधि के अन्दर किसी राजनैतिक दल/अभ्यर्थी के पार्टी कार्यालय नहीं बनाए गए हों, क्षेत्र के अंतर्गत गतिविधियों पर नजर रखना, आदर्श आचार संहिता का अनुपालन कराना, मतदाताओं को निर्वाचक सूची में पंजीयन, ईवीएम-वीवीपैट जागरूकता, ईवीएम द्वारा मत देने की प्रक्रिया की जानकारी देना, भेद्यता मानचित्रण, भेद्य टोलों में लगातार भ्रमण, सम्पर्क संख्या प्राप्त करना एवं लगातार बैठक करना, मतदाताओं के बीच आत्मविश्वास जागृत करना, यह सुनिश्चित करना कि किसी भी व्यक्ति/समूह द्वारा मतदाताओं को भयभीत न किया जाए/प्रलोभन न दिया जाए, रिजर्व ईवीएम-वीवीपैट को चेक करना, नियंत्रण कक्ष से लगातार सम्पर्क बनाए रखना, मतदान दल को मतदान प्रक्रिया या ईवीएम संचालन के संदेह को दूर करना, मतदाताओं को हेल्पलाईन और बूथ की जानकारी देना, वाहनों, सम्पत्ति विरूपण की घटनाओं, चुनावी सभाओं, आदर्श आचार संहिता का अनुपालन, सरकारी सेवकों के आचरण पर नजर रखना आदि।

2. मतदान के दिन सेक्टर पदाधिकारियों का दायित्वः

मॉक पोल संचालन से संबंधित सूचना तीस मिनट के अंदर निर्वाची पदाधिकारियों को देना, मॉक पोल के दौरान खराब हुए ईवीएम-वीवीपैट को मॉक पोल रिप्लेस स्टीकर के साथ रखना, निर्धारित समय पर वास्तविक मतदान प्रारंभ कराना, वेबकास्टिंग किए जाने वाले मतदान केन्द्रों पर वेबकास्टिंग के सफलतापूर्वक अधिष्ठापन का प्रतिवेदन देना, मतदाताओं के लंबी कतार वाले मतदान केन्द्रों पर लगातार भ्रमणशील रहना, प्राप्त शिकायतों का त्वरित निष्पादन, भेद्य टोलों के निर्वाचकों के मताधिकार के प्रयोग पर नजर रखना, निर्धारित समय पर मतदान समाप्त करना, मतदान समाप्ति के समय पंक्ति में खड़े सभी मतदाताओं का मत रिकॉर्ड करवाना आदि।

3. मतदान के पश्चात सेक्टर पदाधिकारियों का दायित्वः

मतदान के तुरत पश्चात मॉक पोल के समय खराब हुए ईवीएम और वीवीपैट को निर्वाची पदाधिकारी द्वारा चिन्ह्ति स्थल पर जमा करना, सुरक्षित ईवीएम और वीवीपैट के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट निर्वाची पदाधिकारी को मतदान की समाप्ति के तुरंत पश्चात सौंपना, निर्वाची पदाधिकारी को मतदान केन्द्रवार मतदान के दिन की रिपोर्ट सौंपना आदि।

डीएम ने अधिकारियों को कहा कि चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए गाँव-गाँव में अभियान चलाएँ तथा लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदान के प्रति उदासीनता अच्छी स्थिति नहीं है। इसमें परिवर्तन लाने के लिए स्वीप गतिविधि अंतर्गत नियमित तौर पर कार्यक्रम का आयोजन करें। जिन मतदान केन्द्रों पर पूर्व के चुनावों में कम वोटर टर्नआउट हुआ है वहाँ सघन जागरूकता अभियान चलाएँ। मतदाताओं को उनके मत का महत्व बताएँ तथा मतदान करने के लिए प्रेरित करें। डीएम ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त सार्वभौम वयस्क मताधिकार हम सभी के लिए बहुमूल्य है। जागरूक मतदाता हमारे समृद्ध लोकतंत्र की रीढ़ हैं। चुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत इसे एक नया आयाम देगा।

डीएम शीर्षत कपिल अशोक एवं एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन पूर्णतः स्वच्छ, निष्पक्ष, भयमुक्त, पारदर्शी एवं सहभागितापूर्ण माहौल में संपन्न कराया जायगा। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगे। इस अवसर पर उपविकास आयुक्त, सभी पुलिस अधीक्षक, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।


Copy