किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज होगा माफ : झारखंड सरकार के फैसले पर सियासत, क्या है बोल रहे हैं पक्ष और विपक्ष के नेता

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रांची : झारखंड में कृषि ऋण माफी महागठबंधन सरकार के लिए बड़ी उपल्बधी साबित हो रही है. साथ ही विधानसभा चुनाव के लिये इसे ट्रंप कार्ड भी कहा जा रहा है. कृषि पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने विभागीय समीक्षा की थी और विभागीय समीक्षा के उपरांत पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफी की घोषणा भी की. और सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य के किसानों को सौगात देने की घोषणा की. राज्य सरकार के घोषणा के बाद राज्य में सियासत शुरू हो गई है.

ये सरकार केवल घोषणाएं करती है- पवन साहू

झारखंड भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष पवन साहू ने कहा की सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है लेकिन इस सरकार की कथनी और करनी में फ़र्क है. इस सरकार में केवल घोषणाएं होती है ,धरातल पर योजनाएं उतरती नहीं है. वादा तो बड़ी-बड़ी करती है लेकिन किसानों के समस्याओं से इस सरकार का कोई लेना देना नहीं है.

किसान हमारी पहली प्राथमिकता- राकेश सिन्हा

वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि हम किसानों के हितैषी हैं. हम किसानों पर गोलियां नहीं चलाते हैं. किसान शुरू से ही हमारी पहली प्राथमिकता रहे हैं. अन्य दाताओं के चेहरे पर खुशी लाकर के हम देश को विकासशील बना सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के दो लाख तक के कृषि ऋण माफी यह हमारा प्रमुख एजेंडा है. इसके लिए हम विभागीय मंत्री मुख्यमंत्री और राहुल गांधी जी को बधाई देते हैं.

वोट लेने के लिये लुभावने वादे- प्रदीप सिन्हा

कृषि ऋण माफी को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि , कृषि ऋण माफी योजना राजनीतिक पार्टियों की एक हथकंडा बनकर मात्र रह गई है. शुरुआती दौर में 50 हजार तक की ऋण माफी की घोषणा की गई थी, अब तक कई किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. चुनाव के कुछ महीने बचे हैं तब सरकार की नींद खुली है और दो लाख रुपये तक की कृषि ऋण माफी की घोषणा के नाम पर वोट बटोरना चाहती है. यह बात किसान भाई भी अच्छी तरीके से जानते हैं की होना जाना कुछ नहीं है. केवल वोट लेने के लिये ऐसी घोषणाएं हो रही है.