पासवा अध्यक्ष ने शिक्षा मंत्रालय के निर्णय पर कहा : कोचिंग संस्थानों में 16 साल के बच्चों के दाखिले पर रोक निसंदेह महत्वपूर्ण निर्णय

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रांची : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 16 साल के बच्चों का कोचिंग संस्थान में नामांकन पर रोक लगा दी है. छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामले, झूठे दावे, धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा जैसे शिकायत मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने निर्णय लिया है. झारखण्ड प्रदेश पासवा के अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा लिए गए फैसले का स्वागत किया है.


पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट द्वारा धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा,भ्रामक दुष्प्रचार,झूठे दावे एवं बच्चों को मानसिक दबाव देकर आत्महत्या करने को मजबूर करने वाले कोचिंग संस्थानों के अत्याचार पर कुछ न कुछ रोक अवश्य लगेगा. कोचिंग संस्थानों में 16 साल से नीचे के बच्चों के दाखिले पर रोक निसंदेह महत्वपूर्ण निर्णय है.


शिक्षा मंत्रालय का यह फैसला भी काफी सराहनीय है जिसमें भ्रम पैदा करने वाले विज्ञापन,पढ़ाई के दौरान बीच में पाठ्यक्रम छोड़ने वाले छात्रों की बची हुई अवधि की फीस लौटाने का कानून बनाया है.

आलोक दूबे ने कहा कि पासवा ने समय-समय पर कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए एक नियमावली बनाये जाने की मांग केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से लगातार करती रही है. यहां तक की 29 अप्रैल 2023 को राजधानी रांची के एक कोचिंग संस्थान द्वारा किए गए फर्जी वाड़ा के खिलाफ रांची के दो थाने में एफआईआर भी दर्ज कराया गया था जिसकी जांच अब तक जारी है. कोटा में झारखण्ड के बच्चों की आत्महत्या को लेकर 14 और 15 सितंबर 2023 को झारखंड सरकार एवं भारत सरकार को पत्र लिखकर कोचिंग संस्थानों पर लगाम लगाने एवं जल्द से जल्द नियमावली बनाए जाने की अनुरोध की गई थी.

आलोक दूबे ने कहा कोचिंग संस्थानों के दावों का तो हाल यह है कि देश में इंजीनियरिंग या मेडिकल के जितने सीट हैं अकेला झारखण्ड के कोचिंग संस्थानों से ना सिर्फ भरता है बल्कि सीट से ज्यादा बच्चे पास कर जाते हैं और अपने इस दावे को मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से प्रमाणित करवाते हैं.

आलोक दूबे ने कहा सबसे विडंबना यह है कि कोचिंग संस्थान अब 10 वीं पास के बच्चों को नन स्कूलिंग का नया पैकेज देकर अपने संस्थानों में रखते हैं और वहीं से बच्चों के जीवन के बर्बादी की दास्तान शुरू होती है. अब तो अपने व्यापार को परवान चढ़ाने के लिए कोचिंग संस्थान आठवीं और नवीं क्लास के स्कूली बच्चों को भी डॉक्टर,इंजीनियर बनने के नाम पर ठग रहे हैं. पासवा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए और कड़े कानून बनाए जाने की आवश्यकता थी लेकिन एक प्रयास शुरु हुआ है जो कहीं न कहीं कोचिंग संस्थानों की मनमानी एवं अभिभावकों को लूटने की प्रवृत्ति पर विराम लगेगा.

आलोक दूबे ने राज्य सरकार से भी अनुरोध किया है कि झारखण्ड में भी कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए सख्त नियमावली बनाई जानी चाहिये ताकि बच्चों को कोचिंग के चंगुल से मुक्त रखा जा सके. पासवा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि प्रतिनिधि मंडल जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री सह शिक्षामंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात कर संध्या 4.00 बजे के पहले कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाने की अनुमति नहीं देने की मांग करेगी और एक निश्चित शुल्क भी निर्धारित करने का अनुरोध किया जाएगा.


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