पंचायत चुनाव ने कई नेताओं की दिखायी हैसियत : उप मुख्यमंत्री के भाई और विधायक की पत्नी को जनता ने चटाया धूल तो बीमा भारती की बेटी को मिला जनता का आशीर्वाद
, PATNA:-बिहार में पंचायत सरकार में कब्जे का मनसूबा पालने वाले कई राजनीतिक दिग्गजो को ग्रामीण मतदाताओं ने सबक सिखाने में कोई कसर नही छोड़ रखा है. एक बार सत्ता का स्वाद चख चुके नेता के परिजन भी त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमाने के लिये भारी संख्या में चुनाव मैदान में अपना किस्मत आजमा तो रहे हैं लेकिन उनका भाग्य साथ नही दे रहा है.यही वजह है कि विधान सभा और लोकसभा का चुनाव जीतने वाले नेताजी के 80 से 90 प्रतिशत परिजन पंचायत चुनाव में मात खा रहे है.
बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के भाई रवि कुमार उर्फ पुन्नु को पश्चिम चंपारण में हार का मुंह देखना पड़ा है.हालांकि पश्चिम चंपारण जिला परिषद क्षेत्र संख्या 32 से चुनाव मैदान में खड़े रवि कुमार पुन्नु का अपनी बहन रेणु देवी से रिश्ता खराब है और दोनो के बीच दूरी भी है. लेकिन फिर भी कई विवादो के कारण मीडिया की सुर्खियो में रहे पुन्नु को जनता ने चुनाव में खारिज कर दिया है.
दूसरी तरफ वैशाली जिले के पातेपुर विधान सभा क्षेत्र के विधायक लखेन्द्र कुमार रौशन की पत्नी मनीषा पासवान को भी जनता ने धूल चटा दिया वही भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जयनाथ चौहान पंचायत समिति का चुनाव हार गये. वैशाली जिले के सुभई पंचायत से अपना भाग्य आजमा रहे चौहान को जनता ने पंचायत का नेता भी मानने से इंकार कर दिया.जबकि पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी की परिजन मीना देवी भी मानिक पुर पंचायत से मुखिया का चुनाव हार गयी है.
दूसरी तरफ रूपौली की जद यू विधायक बीमा भारती की बेटी रानी को पूर्णिया की जनता ने राजनीति में प्रवेश की अनुमति दे दी है. बीमा भारती और उनके बाहुबली पति अबंधेश मंडल की बेटी रामनी भवानी पुर पश्चिम से जिला परिषद संख्या 7 से चुनाव मैदान में खड़ी थी और उसने निवर्तमान जिला पार्षद की पत्नी को करीब 4800 वोटो से पराजित किया.दिल्ली से बीबीए कर राजनीति में भाग्य आजमाने आयी रानी के पिता अबधेश मंडल भी अपने इलाके में काफी चर्चित रहे है और प्रखंड प्रमुख भी रह चुके है.
इस तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का परिणाम भी अधिकांश नेताओं के लिये निराशाजनक रहा है.