BIHAR NEWS : पटना सिटी में प्रकाश उत्सव पर्व के दौरान प्रशासन की लापरवाही, सेवानिवृत्त पदाधिकारियों की ड्यूटी और गैरहाजरी
पटना: सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव पर्व के मौके पर पटना सिटी में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 4 से 6 जनवरी तक आयोजित हो रहे इस पर्व के दौरान, रामदेव महतो सामुदायिक भवन में बनाए गए अस्थाई नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी पर कई ऐसे पदाधिकारी लगाए गए हैं, जो सेवा निवृत हो चुके थे। इससे भी बड़ी बात यह है कि कुछ पदाधिकारियों की ड्यूटी गांधी मैदान मेला में थी, लेकिन उनका नाम नियंत्रण कक्ष की ड्यूटी सूची में कैसे शामिल हो गया, यह एक गंभीर सवाल है।
प्रकाश उत्सव पर्व के दौरान देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पटना सिटी के गुरुद्वारे पहुंच रहे हैं। उनकी दिशा-निर्देश, नियंत्रण और सुरक्षा के मद्देनजर पटना के जिलाधिकारी, वरीय आरक्षित अधीक्षक सहित कई पदाधिकारियों ने तख्त श्री हरमंदिर में कई दिनों तक बैठकें की थीं और स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर रामदेव महतो सामुदायिक भवन में अस्थाई नियंत्रण कक्ष बनाया गया, जिसमें दस-दस पदाधिकारियों की दो शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई। पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक और दूसरी शिफ्ट रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक थी। लेकिन 4 जनवरी की रात 9 बजे से 5 जनवरी की सुबह 9 बजे तक नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। चौक थाना के एक जमादार के अलावा कोई पदाधिकारी वहां नहीं दिखाई दिए।
जब इस मामले को लेकर ड्यूटी लिस्ट में शामिल कुछ पदाधिकारियों से संपर्क किया गया, तो पता चला कि दिनेश प्रसाद राय, पंचायत सचिव, दनियावा ने जुलाई 2023 में ही सेवानिवृत्ति ले ली थी। वहीं, विनोद कुमार, फतुहा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, ने बताया कि उनकी सेवानिवृत्ति 31 दिसंबर 2023 को हो चुकी है। इसके अलावा, सुभाष कुमार, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, दनियावा ने बताया कि उनकी ड्यूटी 2 से 5 जनवरी तक गांधी मैदान मेला में थी, फिर भी उनका नाम नियंत्रण कक्ष में शामिल कर दिया गया।
इस मामले में अनुमंडल लोक निवारण शिकायत पदाधिकारी राधेश्याम कुमार मिश्रा ने कहा कि ड्यूटी चार्ट बनाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है। उनका कहना था कि पुराने डेटाबेस के कारण सेवानिवृत्त पदाधिकारियों की ड्यूटी लग गई होगी। जब उनसे यह सवाल किया गया कि ड्यूटी लगने के बाद भी अधिकारी ड्यूटी से क्यों गायब हैं, तो उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को बीपीएससी की परीक्षा के कारण संभवतः अधिकारी नहीं आए होंगे।
यह सवाल उठता है कि इतने बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान प्रशासन की लापरवाही किस हद तक गंभीर हो सकती है। अगर किसी बड़ी घटना या दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न हो जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? अब देखना यह होगा कि पटना के जिलाधिकारी और वरीय आरक्षित अधीक्षक इस मामले में लापरवाह पदाधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं।