Bihar : मंत्री प्रेम कुमार ने पटना जू का किया निरीक्षण, ठंड से जानवरों के बचाव के लिए जू पदाधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
PATNA :पटना में बढ़ती ठंड को देखते हुए पटना जू में वन्यजीवों के रख-रखाव हेतु किये जा रहे क्रिया-कलापों के निरीक्षण हेतु मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने आज पटना जू के वन्यजीवों के इंक्लोजरों का निरीक्षण किया। उनके द्वारा हूलॉक गिब्बन, टाइगर, पक्षी केज, चितल, जेबरा, जिराफ, हाथी एवं स्मॉल कैट इंक्लोजर का निरीक्षण किया एवं जू पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
निरीक्षण के क्रम में डायरेक्टर, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना द्वारा मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार को विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु एहतियात तौर पर किये गये सभी कार्यों की जानकारी दी।
उनके द्वारा बताया गया कि सभी इंक्लोजरों में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु सभी कार्य माह अक्टूबर, 2024 से ही प्रारंभ किये गये हैं, जिसमें सभी वन्यजीवों के नाइट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फूस-घास एवं बांस की चचरी से बंद किये गये है ताकि शीतलहर में नाइट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठण्ड ना लगे। सभी नाइट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफॉर्म रखे गये है ताकि वन्यजीव को जमीन से ठंड न लगे।
नाइट हाउस में ऑयल हीटर लगाये गये है ताकि नाइट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे। प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपाजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिये गये है। सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गये है। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्व लगाये गये है।
शाकाहारी वन्यजीवों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठण्डी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेरान किया गया है। शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है। वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाइयां दी जा रही है।
प्रत्येक वर्ष की भांति मांसाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गयी है। चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवले का मुरब्बा एवं मौसमी फल दिये जा रहे है। भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अंडा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिये जा रहे है। पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेरान किये गये है ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे। शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाइट-हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाये गये है।
मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु सभी आवश्यक कार्य प्राथमिकता पर करने का निदेश निदेशक, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना को दिया गया।
ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना में किये जा रहे प्रबंधन क्रिया-कलापों की विवरणी ठण्ड के मौसम में वन्यजीवों के ठण्ड से बचाव हेतु एहतियातन तौर पर संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के स्वास्थ्य सलाहकार समिति की बैठकों में दिये गये सलाह एवं विगत वर्षों से चल रहे प्रचलित व्यवस्था के आलोक में माह अक्टूबर, 2024 से ही निम्नवत् प्रबंधन कार्य प्रारंभ किये गये हैः-
1. सभी वन्यजीवों के नाइट हाउस के खिड़की एवं अन्य वेंटिलेशन की खुली जगह फुस घास एवं बांस की चचरी से बंद किये गये है ताकि शीतलहर में नाइट हाउस में बैठे वन्यजीवों को ठण्ड ना लगे।
2. सभी नाइट हाउस के सेल में वन्यजीवों को बैठने के लिए लकड़ी के प्लेटफॉर्म रखे गये हैं ताकि वन्यजीव को जमीन से ठण्ड न लगे।
3. नाइट हाउस में ऑयल हीटर लगाये गये हैं ताकि नाइट हाउस का सामान्य तापमान बना रहे।
4. प्राइमेट्स प्रजाति के वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपांजी, हूलॉक गिब्बन, लॉयन टेल मकाक इत्यादि वन्यजीवों को कंबल दिये गये है।
5. सरीसृप प्रजाति के वन्यजीव जैसे अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन इत्यादि वन्यजीवों के सेल में फर्श पर कंबल बिछाए गये हैं। साथ ही इनके सेल में सामान्य तापमान बनाए रखने हेतु बल्ब लगाये गये है।
6. शाकाहारी वन्यजीयों के लिए उनके इंक्लोजर के शेड में पुआल का बेड बनाया गया है एवं पूर्वी एवं पश्चिमी ठण्डी शीतलहर से बचने के लिए फुस घास एवं बॉस की चचरी से घेराव किया गया है।
7. शीतलहर के दौरान हाथी के पूरे शरीर को नियमित अंतराल पर सरसों तेल की मालिश की जा रही है एवं आहार में पर्याप्त गन्ना, सोयाबिन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है।
8. वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामीन की दवाइयां दी जा रही है।
9. प्रत्येक वर्ष की भांति मांसाहारी वन्यजीवों के आहार में बढ़ोतरी की गयी है।
10. चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवला का मुरब्बा एवं मौसमी फल दिये जा रहे हैं।
11. भालू को आहार में मौसमी फल, शहद, अंडा, गुड़ की खीर, गन्ना इत्यादि दिये जा रहे है।
12. पक्षियों के इंक्लोजर में शीतलहर से बचने के लिए प्लास्टिक शीट्स एवं एगरोनेट से घेराव किये गये हैं ताकि आवश्यक प्रकाश एवं वेंटिलेशन बना रहे।
13. शीतलहर से बचाव हेतु जेबरा एवं जिराफ इंक्लोजर के नाइट हाउस तथा प्रदर्श क्षेत्र में पुआल बिछाये गये हैं।
14. वन्यजीवों पर 24 घंटे लगातार निगरानी में रखा गया है। प्रभावी निगरानी हेतु सभी कर्मियों को विन्टर जैकेट का वितरण किया गया है।