झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का पांचवां दिन : MLA नीलकंठ सिंह मुंडा ने किसानों को मदद पहुंचाने की बात सदन में रखी

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रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन आज सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है. सदन में शांतिपूर्ण तरीके से प्रश्नकाल चल रहा है. सदन में कृषि, पशुपालन, सहकारिता विभाग, जल संसाधन विभाग समेत अन्य विभागों से संबंधित प्रश्नों पर जवाब दिये जा रहे हैं.

विधायक बिरंची नारायण ने व्यवस्था के माध्यम से सदन में कहा कि नेता प्रतिपक्ष बने 6 महीने हो गये लेकिन अब तक सूचना आयुक्त की नियुक्ति नहीं हुई है. जबकि हजारों अपील पेंडिंग है. पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जल्द आयोग का पुनर्गठन किया जाय. इरफान अंसारी ने जामताड़ा रेल हादसे का मामला सदन में उठाया. कहा कि रेलवे की लापरवाही से हादसा हुआ है. मृतकों के परिजनों को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाय.

वहीं विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरकार पेसा की नियमावली कब तक बनाने का विचार रखती है. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि नियमावली के प्रारूप का प्रकाशन किया गया है. सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति की कार्रवाई की जा रही है.

भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री राहत योजना के तहत मदद पहुंचाने की बात रखी है. उन्होंने प्रश्न के माध्यम से रखा है कि क्या 45 लाख 45 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं. उसमें केवल 13 लाख 94 हजार लोगों को सहायता प्रदान की गई है. क्या सरकार शेष 31 लाख 50 हजार आवेदकों को सहायता देने का विचार रखती है या नहीं.

मंत्री बादल पत्र लेख ने जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत 33 लाख 63 हजार 201 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 13.66 लाख भारतीयों को 478.4 करोड़ राशि का भुगतान किया गया है. मुख्यमंत्री सूखने राहत योजना के तहत आहारता रखने वाले लाभार्थियों को सहायता देने के कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. केंद्र सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सुखाड़ राहत राशि में केंद्र सरकार का नहीं मिला सहयोग.


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