झारखंड के गौशाला के पशुओ के लिए बढी राशी : राज्य सरकार ने प्रति पशु 100 रूपया एक साल तक देने का लिया निर्णय

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JHARKHAND SARKAR NE GOSHALA KO JAYADA SUVIDHA DENE KA LIYA DECISION . JHARKHAND SARKAR NE GOSHALA KO JAYADA SUVIDHA DENE KA LIYA DECISION .

RANCHI:- झारखंड सरकार ने राज्य के पशुओं की देखभाल एवं उनके संरक्षण के मामले में एक बड़ा फैसला लिया है और राज्य के गौशालाओं में पशुओं के आहार के लिये 100 रु प्रति पशु प्रतिदिन देने का निर्णय लिया है। पहले यह राशि 50 रु प्रति पशु प्रतिदिन 6 महीने तक के लिये ही दी जाती थी। राज्य सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 100 रु एक वर्ष के लिये कर दिया है।

सरकार के इस निर्णय की जानकारी देते हुए झारखंड के कृषि मंत्री रहा कि इससे गोशाला में रखे जा रहे पशुओं की बेहतर देखभाल हो सकेगी।इसके लिए मंत्री ने बादल ने नेपाल हाउस में आयोजित राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड की बैठक भी की।बैठक के बाद मंत्री ने कहा कि राज्य के गौशालाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा।

पशुओं के प्रति संवेदनशील

कृषि मंत्री बादल ने कहा कि राज्य सरकार पशुओं के प्रति संवेदनशील है। इनकी देखभाल एवं संरक्षण करना सरकार की जिम्मेवारी है । राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है। उन्होंने कहा कि जीव-जन्तु अपनी मांग नही रख सकते हैं वे हमारी संवेदनशीलता पर निर्भर करते हैं। राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के माध्यम से उनकी सभी समस्याओं का निराकरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड और अधिक क्रियाशील एवं प्रभावी ढंग से कार्य करें तो इसकी उपयोगिता सामने आयेगी। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि लावारिस पशुओं के रेस्क्यू के लिये वाहन देने का निर्यण सरकार ने किया है।राज्य के 21 निबंधित गौशालाओं मे 10 गौशालाओं को रेस्क्यू वाहन दिया जाएगा ताकि लावारिस पशुओं का आसानी से रेस्क्यू किया जा सके। जो पशु सड़क दुर्घटना के कारण मर जाते हैं या जो सड़क पर बीमार अवस्था में पड़े रहते हैं उनका आसानी से रेस्क्यू किया जा सके। इसके साथ ही राज्य में जो भी गौशाला का निबंधन कराना चाहते है उनका निबंधन भी अब आसानी से किया जा सकेगा।

वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने पर जोर

झारखंड सरकार गोशोला एवं पशुपालन को बढावा देने के साथ ही गोबर से वर्मीकम्पोस्ट तैयार करने पर फोकस कर रही है।इसके लिए राज्य सरकार की एक टीम छत्तीसगढ़ जायेगी और वहां पर गोबर से वर्मीकम्पोस्ट किस तरह तैयार किया जाता है इसका अवलोकन करेगी। ताकि झारखण्ड में भी उसी विधि से वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराया जा सके।

पशुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर

मंत्री बादल ने कहा कि लातेहार जाने के क्रम में रास्ते में बंदरो का समूह देखने को मिलता है। ये बंदरों का समूह कभी-कभी सड़क पर आ जाते है और वाहन की चपेट में आ कर जख्मी हो जाते है या फिर मर भी जाते है । इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये वन विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगा गया ताकि उस क्षेत्र में सड़क के किनारे जाली लगा कर 8 से 10 प्वाइंट बना दिया जाये ताकि बंदर सुरक्षित भी रहे। उन्होंने कहा राज्य में और भी इस तरह के क्षेत्र को चिहिन्त कर सरकार उनका संरक्षण करेगी।इसके साथ ही जिला स्तर पर बनी जिला पशु क्रुरता निवारण समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में स्थानीय विधायक एवं सांसद के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है ताकि वो भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव समिति को दे सके । उन्होने निदेश दिया कि पशुपालको का जिलावार प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाये साथ ही राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित कराकर उन्हें और प्रशिक्षित किया जाये।उन्हौने राज्य जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड की अगली बैठक जनवरी माह में करने की बात कही है।


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