देवघर में क्या होगा खुदरा मछली बाजार का ? : 2 करोड़ से बनी इस मार्केट का उद्घाटन के बाद अपराधियों का बना अड्डा

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देवघर : बाबानगरी देवघर में मछुआरों की आमदनी बढ़े और उन्हें रोजगार का सही मार्ग मिल सके इसको लेकर यहां खुदरा मछली बाजार का निर्माण कराया गया. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण आज यह धीरे धीरे बर्बाद होकर नशेड़ियों का अड्डा बन गया है.


2करोड़ से अधिक आयी है लागत

देवघर में मछली की बिक्री अच्छी होती है. शहर के कई स्थानों पर स्थानीय मछुआरों ने अपनी दुकान लगाकर मछली बेचते हैं. इन मछुआरों को इनके उत्पाद की उचित मूल्य प्राप्त हो सके इसके लिए सरकार ने एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का फैसला लिया. केंद्र प्रायोजित नीली क्रांति योजना के अंतर्गत इनके लिए खुदरा मछली मार्केट का निर्माण कराया गया. जिले के कुंडा थाना क्षेत्र के पांडे मोड़ के पास भवन निर्माण विभाग द्वारा लगभग 2 करोड़ 3 लाख 50 हज़ार की लागत से इसका निर्माण करवा कर 2019 में इसका उद्घाटन भी कराया गया. लेकिन मत्स्य विभाग की उदासीनता से उद्घाटन के बाद आज तक इसका ताला नहीं खुला. विभागीय अधिकारी की मानें तो शहर से दूर होने के कारण मछली विक्रेता कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.


वहीं मछली विक्रेता की मानें तो जिस स्थान पर बाजार बना है वहाँ खरीदार ही नहीं मिलेगा तो व्यापार कैसे चलेगा. अब सवाल उठता है कि जब स्थान मछली विक्रेता के अनुकूल नहीं है तो वहाँ खुदरा बाजार क्यों खोला गया. दूसरा सवाल है कि इसके ठीक करीब एयरपोर्ट है. ऐसे में इस मछली मार्केट में पक्षियों का आवागमन रहेगा जिससे हवाई उड़ान को भी खतरा हो सकता है. जब सरकार को मालूम था कि शहर से दूर यह मछली मार्केट हो जाएगा और पास में एयरपोर्ट है तो ऐसे में गलत जगह इसका चयन कर क्यों सरकारी राशि खर्च की गई. इससे न तो सरकार और न ही मछली बिक्रेता को फायदा हो रहा है.

धीरे धीरे बर्बाद और नशेड़ियों का अड्डा बन रहा है

करोड़ों की लागत से खुदरा मछली बाजार का2019में उद्घाटन हुआ. इसके बाद से आज तक इसका ताला नहीं खुला है. इस मार्केट में काम धाम नहीं होने से चारों तरफ जंगल झाड़ उग गया है. खिड़की,ग्रिल जंग खा रहा है और कई खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए हैं. एकांत स्थान में बाजार होने के कारण दिन रात यहां नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है. नशे की हालत में इनके द्वारा आपराधिक वारदात को भी अंजाम देने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. अब देखना होगा कि विभाग इस मार्केट के लिए क्या कदम उठाती है.