1955 में पहली बार पटना में हुआ था रावण दहन : पाकिस्तान से आकर गांधी परिवार ने किया था शुभारंभ

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PATNA :आज दशहरा है। अर्थात विजयदशमी। पटना गांधी मैदान में आज रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतला का दहन किया जाएगा। इसे देखने हजारों की संख्या में लोग जूटते हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सहित कई जाने-माने नेता उपस्थित रहते हैं।

आज विजयदशमी के अवसर पर हम आपको पटना के गांधी मैदान में होने वाली रावण दहन का इतिहास बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि 1955 में सबसे पहली बार पटना के गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। बक्शी राम गांधी का परिवार पाकिस्तान के लाहौर से आकर पटना में बस गए थे।

स्थानीय लोगों की मदद से पहली बार रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 1954 में दशहरा कमेटी का गठन किया गया। पटना में उस समय एक प्रसिद्ध कंपनी हुआ करती थी, जिसका नाम था बैद्यनाथ आयुर्वेद। इसी कंपनी के मालिक को उस साल रावण दहन कार्यक्रम का अध्यक्ष बनाया गया। दुर्गा प्रसाद शर्मा को कमेटी का प्रथम अध्यक्ष चुना गया। इस कमेटी में पीके कोचर, ओपी कोचर, विशन दास, टीआर मेहता, प्रेमनाथ अरोड़ा, ओपी बिहारी, संतोष चंद्रा समेत अन्य लोगों शामिल थे।

उस समय के कुछ वरिष्ठ पत्रकार बताते हैं कि जब पहली बार रावण दहन का आयोजन किया गया था तब सरकारी स्तर पर कोई सहयोग नहीं मिलता था। इसलिए गरीब किसानों से और स्थानीय लोगों से चंदा लेकर आयोजन किया जाता था।

बाद के दिनों में 1990 में लालू प्रसाद जब मुख्यमंत्री बने तो पहली बार इस आयोजन में शामिल होने आए थे। बताते चलें कि 1955 में 50 फीट का रावण 40 फीट का कुंभकरण और 30 फीट का मेघनाथ का पुतला बनाया गया था।