BIHAR NEWS : ऐतिहासिक चौसठ योगिनी मेला, स्थानीय संस्कृति का प्रतीक
सहरसा: सहरसा के मत्स्यगंधा परिसर में इस समय ऐतिहासिक चौसठ योगिनी मेला धूमधाम से चल रहा है, जो 19 जनवरी तक जारी रहेगा। यह मेला चौसठ योगिनी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और वर्षों से यहां की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक बना हुआ है।
मेले की विशेषताएं
चौसठ योगिनी मेला में न केवल स्थानीय लोग बल्कि अन्य जिलों और राज्यों से व्यापारी भी अपनी दुकानें लगाते हैं। इस वर्ष भी मेले में व्यापारीयों की बड़ी संख्या नजर आ रही है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए आभूषण, रसोई के सामान, जूते और चाट-पापड़ी की दुकानें आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी हुई हैं।
बच्चों के लिए भी इस मेले में विशेष आकर्षण है। विभिन्न झूले, मिक्की माउस और "सुनामी" झूला बच्चों का ध्यान खींच रहे हैं। इसके अलावा, मेला परिसर में स्थित झील में नौका बिहार (बोटिंग) का आनंद भी लोगों के लिए रोमांचक अनुभव साबित हो रहा है। यह गतिविधि आगंतुकों को परिवार और दोस्तों के साथ आनंद लेने का मौका देती है।
व्यवस्थापन और सुरक्षा
दूर-दराज से लोग इस मेले का आनंद लेने पहुंच रहे हैं, और मेला प्रशासन इसे व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए तत्पर है। मेला परिसर का संचालन ठेकेदारों की देखरेख में सुचारू रूप से हो रहा है, जिससे मेले का वातावरण सुखद और सुरक्षित बना हुआ है।
मेले का आयोजन सहरसा की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करता है और यह हर उम्र के लोगों के लिए विशेष अनुभव प्रदान करता है। मेले के व्यवस्थापक अमृत राज ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए उनके शांति पूर्ण व्यवहार के लिए धन्यवाद कहा और परिवार के साथ सुरक्षित माहौल में मेले का आनंद लेने की अपील की।