महाजुटान : चौधरी देवीलाल की जयंती पर आयोजित जनसभा के बहाने कितने एकजुट हो पाएंगे विपक्षी दल !
Desk:-यूं तो लोकसभा चुनाव 2024 में अब काफी दिन बाकी है पर सत्ताधारी बीजेपी के साथ ही विपक्षी दलों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है.इस चुनाव को लेकर कई नेता बीजेपी के खिलाफ देशभर की सभी विपक्षी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कर रहें हैं और इसको लेकर आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है.
आज पूर्व उप-प्रधानमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के संस्थापक चौधरी देवी लाल की जयंती है और इस अवसर पर हरियाणा के फतेहाबाद में आज एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया गया है,जिसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत देशभर के प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शामिल हो रहें हैं।मिली जानकारी के अनुसार इस जनसभा में NCP प्रमुख शरद पवार,नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला,सीपीएम नेता सीताराम येचुरी सहित कई प्रमुख विपक्षी नेता मंच साझा करेंगे। जनसभा में BJP से नाराज चल रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी शामिल होंगे।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू,यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई अन्य क्षेत्रीय दिग्गजों को भी जनसभा में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजा गया है.संभावना है कि इनके प्रतिनिधि इस जनसभा में शामिल हो सकतें हैं.
इस बार बिहार के सीएम नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम चन्द्रशेखर राव,दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने की रणनीति को लेकर आगे बढकर काम करने की बात कह रहैं हैं.इस सिलसिले में नीतीश कुमार ने चन्द्रशेखर राव,अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं के साथ विपक्षी एकता को लेकर बात कर चुकें हैं और आज हरियाणा की इस जनसभा के बाद नीतीश कुमार और लालू यादव कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी के साथ मुलाकात करने वालें हैं.
वहीं विपक्षी दलों की मुलाकात और एक साथ आने को लेकर बीजेपी भी नजर बनाए हुई है,पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तक विपक्षी सुगबुगाहट पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से निशाना साध चुकें हैं.अब देखना है कि आज की जनसभा में विपक्षी दलों के कितनें मुख्य नेता जुटते हैं और विपक्षी एकता को कितनी मजबूती दे पातें हैं.