Jharkhand : मचान फाउंडेशन द्वारा मैथिली को शास्त्रीय भाषा घोषित करने की मांग, राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल, सौंपा ज्ञापन
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RANCHI :मचान उत्कर्ष फ़ाउंडेशन का एक प्रतिनिधिमंडल, अध्यक्ष भारतेन्दु झा के नेतृत्व में राज्यपाल संतोष गंगवार से मिल कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मैथिली भाषा से संबन्धित कई मांगें रखी गईं। उनसे आग्रह किया गया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय को इसकी अनुशंसा करें।
उन्हें यह भी बताया गया कि मैथिली भाषा स्वतंत्र परम्पराओं ,समृद्ध साहित्यिक इतिहास वाली 14वीं सदी की प्राचीन भाषा है, जो विभिन्न साहित्यिक शैलियों और दार्शनिक ग्रंथों को भी प्रभावित करती हैं। इस भाषा की स्वतंत्र लिपि एवं अपना व्याकरण है। इस कारण यह भाषा यथोचित सम्मान की अधिकारी है।
ज्ञापन के माध्यम से राज्य में मैथिली भाषा अकादमी के गठन सहित स्कूल एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में मिथिला विभूतियों यथा महाकवि विद्यापति, मंडन मिश्र , उदयनाचार्य आदि की रचनाओं एवं मिथिलांचल के दार्शनिक स्थलों को शामिल करने हेतु भी अनुरोध किया गया।
राज्यपाल को आकर्षक मिथिला पेंटिंग, पारंपरिक पाग, वर्ष 2025 का पंचांग एवं साहित्यकार इंद्र नारायण झा लिखित पुस्तक “मिथिला दिग्दर्शन” भेंट किया गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल झारखंड मैथिली मंच के महासचिव जयंत कुमार झा ने मंच द्वारा आगामी 29 एवं 30 मार्च 2025 को आयोजित होने वाले विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में शामिल होने हेतु आमंत्रण पत्र सौंपा। इस अवसर पर मैथिलीसेवी ब्रजकिशोर झा भी उपस्थित थे।