DC की कार्रवाई से मचा हड़कंप : कस्तूरबा स्कूल की सामान खरीद में अनियमितता मामले में 16 वार्डेन और लेखापाल बर्खास्त
गढ़वा:खबर है झारखंड के गढ़वा जिले की जहां कस्तूरबा स्कूल के लिए विभिन्न सामग्रियों की खरीद में अनियमितता के मामले में16वार्डेन और लेखापाल को शिक्षा विभाग सचिव के आदेश पर गढ़वा डीसी राजेश कुमार पाठक ने बर्खास्त कर दिया है.
डीसी राजेश कुमार पाठक ने शिक्षा विभाग सचिव के आदेश पर 16 वार्डेन और लेखापाल को बर्खास्त कर दिया है. इन सभी पर कस्तूरबा विद्यालय में सामान की खरीद में अनियमितता का आरोप है. इस बड़ी कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है वहीं बर्खास्त हुए कर्मी इस कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कह रहे हैं कि आखिर किसके इशारे पर डीसी साहब ऩे इस तरह की कार्रवाई की है. डीसी साहब यह कार्रवाई पहले क्यों नहीं किये. सभी वार्डेन और लेखापाल ने जिला समाहरणालय पहुंच कर इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है. बर्खास्त किये गए वार्डेन और लेखपाल ने आरोप लगाया है कि पदाधिकारियों को बचाने के प्रयास में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि विभागीय आदेशानुसार निर्धारित वित्तीय प्रावधानों के तहत स्कूल के लिए सामानों की खरीददारी और भुगतान की प्रक्रिया का पालन किया गया इसके बावजूद डीसी ने उन्हें ही दोषी मानते हुए एकतरफा कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया. वार्डेन और लेखापाल ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित है. कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करने तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. उसके बाद भी उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि हम निर्दोष हैं. यह कार्रवाई कोर्ट का भी अवमानना है. उन्होंने कहा कि खरीद और भुगतान में किसी तरह की अनियमितता नहीं की है। उक्त वजह से भी झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा संचालित सर्व शिक्षा अभियान व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कार्यक्रमों के लिए वित्तीय वर्ष2014-15में प्राप्ति एवं व्यय का अंकेक्षण प्रतिवेदन आगामी राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में अनुमोदित कराये जाने की प्रत्याशा में प्रतिवेदन को ससमय उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को समर्पित किया जा चुका है. उक्त प्रतिवेदन में ऑडिट रिपोर्ट में किसी तरह का कपटपूर्ण निकासी,जालसाजी या गबन जैसे मामले नहीं पाए गए थे. उन्हें विभाग से ही स्कूल के लिए आवश्यक फर्नीचर,चौकी,आलमीरा,बिछावन व उनके आवासन की सुविधा के लिए प्राप्त राशि का व्यय अनिवार्यता के अनुरूप विद्यालय प्रबंधन समिति/क्रय समिति के निर्णय के आधार पर करने का आदेश प्राप्त था. क्रय समिति में स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के अलावा वार्डेन के अलावा बीइइओ,प्रखंड कल्याण पदाधिकारी,एक शिक्षक,लेखापाल,बाल संसद की प्रधानमंत्री शामिल होते हैं. उनके निर्णय से ही क्रय करने का प्रावधान है. क्रय में कहीं अनियमितता होगी तो समिति के सभी सदस्य जिम्मेवार होंगे. उसके बाद भी सिर्फ वार्डेन पर कार्रवाई की गई. जिले के कस्तूरबा स्कूल डंडई की वार्डेन रही पुष्पा कुमारी ने कहा कि उस समय मैं वहां की वार्डेन ही नहीं थी.
इस मामले पर जब जिले के डीसी से मुलाकात करनी चाही तो उन्होंने तबादले का हवाले देते हुए मिलने से इनकार कर दिया. वहीं इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि डीसी स्तर से कार्रवाई हुई है इसमें हमलोग क्या बोल सकते हैं हां बस कार्रवाई का कागजात उपलब्ध करा दिया गया है.