कोडरमा में गिरे जलमीनार की डिजाइन का मामला : सरकार बीआइटी सिंदरी और आइआइटी खड़गपुर से करायेगी जांच

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Case of design of fallen water tower in Koderma Case of design of fallen water tower in Koderma

रांची. कोडरमा जिले में डेढ़ महीने पहले गिरे एक लाख लीटर के जलमीनार की जांच अब तेज होगी. पेयजल और स्वच्छता विभाग के सचिव राजेश शर्मा अब ठेकेदार कंपनी एकेजी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से जमा कराये गये आइआइटी बीएचयू की रिपोर्ट की बेटिंग बीआइटी सिंदरी और आइआइटी खड़गपुर से कराने का निर्णय लिया है. 208 करोड़ की योजना का एक जलमीनार जो नीमाडीह (कुंडी धनवार पंचायत) में बन रहा था, वह भरभरा कर गिर गया था. इसके बाद कनीय अभियंता और एसडीओ को सस्पेंड कर दिया गया. मुख्यालय से अभियंताओं की टीम जांच स्थल भी गयी और अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. डेढ़ महीने से एकेजी प्राइवेट लिमिटेड ने काम बंद कर रखा है. बताया जाता है कि झारखंड में यह कंपनी सात सौ करोड़ की योजना पर और काम कर रही है.

जानकारी के अनुसार 24 मीटर ऊंचे बने इस जलमीनार के गिरने से भ्रष्टाचार की कलई खुल कर सामने आयी है़. विभाग के सेंट्रल ड्राइंग ऑरगनाइजेशन (सीडीओ) की तरफ एप्रूव किया गया ड्राइंग और इंजीनियरिंग डिजाइन गलत था. सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नल जल योजना की मॉनिटरिंग सिस्टम पर अब गंभीर सवाल उठने लगे हैं. उधर यह भी बातें सामने आयी है कि डिजाइन एंड ड्राइंग की आड़ में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है. निर्माणकार्य के दौरान मिक्स कंक्रीट एम-25 स्कवायर का प्रयोग नहीं किया गया. कांट्रैक्टर कंपनी के अभियंताओं ने 24 मीटर के बीम में 12 एमएम की छड़ की जगह आठ एमएम का छड़ लगाया था. इसलिए ऊंचाई पर बने जलमिनार का भार यह बीम नहीं संभाल पाये. एक लाख लीटर क्षमता के जल मिनार से कई गांवों तक पानी पहुंचाने की सरकार की योजना था. योजना के तहत डोमचांच, जयनगर व कोडरमा प्रखंड के विभिन्न गांवों में जलमीनार का निर्माण भी कराया जाना बाकी है. इसी शृंखला में नीमाडीह में भी करीब एक लाख लीटर जल क्षमता का जलमिनार ढह गया. संयोग रहा कि आंधी-बारिश आने के कारण वहां मजदूर नहीं थे.

नीमाडीह के जलमिनार के गिरने के बार पेयजल और स्वच्छता विभाग में हाई लेवल कंसपिरेसी भी शुरू हुई. डेढ़ महीने बाद भी ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गयी है. इसका फायदा उठाते हुए कांट्रैक्टर ने योजना का काम भी बंद कर रखा है. टावर गिरने के बाद विभाग के अभियंताओं की टीम भी जांच करने गयी थी. जिसमें मुख्य अभियंता मुख्यालय, मुख्य अभियंता पीएमयू और सीडीओ के कार्यपालक अभियंता शामिल थे. इनकी रिपोर्ट के बाद कार्यपालक अभियंता से भी पूछताछ लगातार जारी है.

रांची से दीपक कुमार की रिपोर्ट