बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू : सत्र के हंगामेदार होने की संभावना:महंगाई और जहरीली शराब से हुई मौत को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने - सामने

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BIHAR VIDHANMANDAL KE SATRA KE HANGAMEDAR HONE KI SAMBHAWNA BIHAR VIDHANMANDAL KE SATRA KE HANGAMEDAR HONE KI SAMBHAWNA

विपक्ष में हुई फूट से सत्ता पक्ष मजे में

29 नवंबर से 3 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कुल 5 बैठक

PATNA:-बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है.29 नबंबर से 3 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल 5 बैठकें होगी .5 दिनो के इस छोटे सत्र का पहला दिन राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश के अलावे प्रभारी वित्त मंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2021- 22 के द्वितीय अनुपूरक बजट को पेश किया जायेगा. इसके बाद शोक प्रकाश के बाद सदन की कार्यवाही खत्म हो जायेगी.

लेकिन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार से सरकार और विपक्ष की अग्निपरीक्षा शुरू होगी. 30 नबंबर को ही सदन में प्रश्नोत्तर काल के दौरान शिक्षा विभाग , खान एवं भूतत्तव विभाग और मद्य निषेध उत्पाद एवं निंबधन विभाग से संबंधित प्रश्न पूछे जायेगैे. यानि जहरीली शराब से हुई मौत का मामला हो या अवैध बालू खनन का मामला या फिर शिक्षा में शिक्षक नियुक्ति काम मामला हो या कुलपतियो के भ्रष्टाचार का मामला . यानि सत्र के पहले दिन से ही हंगामे की शुरूआत होने की संभावना है.

विधान सभा में राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव हो या फिर भाई वीरेन्द्र या विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा हों या फिर राजद सदस्य रामवली प्रसाद इनका दावा है कि सूबे में जहरीली शराब से हुई मौत , कमरतोड़ महंगाई और भ्रष्टाचार ऐसे मुद्दे है जिसको लेकर सदन के अंदर और बाहर विपक्ष सरकार को घेरेगी और अगर सरकार ने सही जबाब नही दिया तो सदन में हंगामा होना तय है.

दूसरी तरफ सदन को शांति पूर्ण चलाने के लिये विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिंहा द्वारा बुलायी गयी दलीय बैठक में नेताओं ने सदन को शांति पूर्ण तरीके से चलाने पर सहमति दी है.

उप मुख्य.मंत्री तारकिशोर प्रसाद हो या फिर उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव इनका दावा है कि बैठक में मौजूद विपक्षी दल के नेताओं ने सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने पर सहमति दी है. लेकिन इसके बावजूद विपक्ष सदन में हंगामा करेगा तो सरकार हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है.

दूसरी तरफ इस बार सदन में विपक्ष में के फूट का भी लाभ सत्तापक्ष को मिलने की संभावना है. एक तरफ जहां विधान सभा के दो सीटो पर हुए उप चुनाव में जद यू की जीत से एनडीए का मनोबल उंचा है तो दूसरी तरफ उप चुनाव में विपक्ष की हार और राजद - कांग्रेस के अलग - अलग रास्ते से सरकार पूरी तरह सुकून में है.राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने विपक्ष में विभाजन पर चुटकी लेते हुए कहा है कि मुद्दाविहीन विपक्ष जब खुद एकजुट नही है तो वह सरकार को क्या घेर पायेगी.

हालांकि संख्या बल के हिसाब से विधान सभा में सत्तापक्ष और विपक्ष आंकड़ो के खेल में एक दूसरे से कमजोर नही है. लेकिन विधानमंडल के बजट सत्र में विपक्षी सदस्यो की पुलिसिया पिटाई के मामले पर भी अभी तक दोषी पुलिस कर्मियो के खिलाफ कोई कार्रवायी नही हुई है और विपक्ष इसकी मांग लगातार करता रहा है. ऐसे में शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे के उठने की संभावना है. हालांकि विपक्षी सदस्यो के हंगामें के बावजूद राज्य सरकार 30 नबंबर और 1 दिसंबर को राजकीय विधेयक और 2 नबंबर को द्वितीय अनुपूरक वजट पास करवाने की कोशिश करेगी. 3 नबंबर को सदस्यो का गैर सरकारी संकल्प है. ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है कि भले ही विपक्ष सत्र को हंगामेदार बनाने की कवायद कर रहा हो लेकिन सरकार इस ठंढ के मौसम में ठंढा - ठंढा कूल - कूल दिख रही है.


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