दो सीटों के उपचुनाव से बिहार में होगा ‘खेला’? : तेजस्वी का दावा- दो सीट मिलते ही होगा ‘खेला’

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Tejaswee ka dava Tejaswee ka dava

सुमित झा

क्या 2 नवंबर को दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार में खेला होगा। दो सीटों के दम पर तेजस्वी नीतीश की अगुआई वाली एनडीए सरकार गिरा सकते हैं। क्या दो सीटों के दम पर तेजस्वी की सरकार बन जाएगी। मुंगेर के तारापुर में चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी ने तो यही दावा किया कि दोनो सीटें जिता दीजिए बिहार में खेला हो जाएगा।

लेकिन जिस विपक्ष के सहारे तेजस्वी सरकार गिराने का दावा कर रहे हैं, वो विपक्ष उपचुनाव में बिखरा हुआ है और आपस में ही उलझा है। तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस और आरजेडी ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जिसके बाद से दोनो के बीच तल्ख बयानबाजी हो रही है। बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने ऐलान कर दिया कि अब आरजेडी से रिश्ता खत्म हो गया। तो जवाब में आरजेडी नेता मनोज झा ने भक्त चरण दास की राजनीति के समझ पर ही सवाल खड़ा कर दिया। वहीं बिहार कांग्रेस प्रभारी ने चुनाव बाद आरजेडी का बीजेपी से हाथ मिलाने तक का आरोप लगा दिया।

ज़ाहिर है खेला करने और होने के दावे सबके अपने-अपने हैं। लेकिन सरकार बहुमत के आंकड़ों से बनती है, जो फिलहाल एनडीए के पास हैं।

ज़रा बिहार विधानसभा के गणित पर भी ज़रा नज़र डालिए।

बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में आरजेडी के 75, बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, कांग्रेस के 19, वामपंथी पार्टियों के 16, AIMIM के 5, HAM के 4, VIP के 4 और 1 निर्दलीय विधायक हैं। दो खाली सीटों के लिए उपचुनाव होने वाले हैं। बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है। इनमें बीजेपी के 74, जेडीयू के 43, HAM के 4, VIP के 4 और 1 निर्दलीय विधायकों के बूते एनडीए के पास 126 विधायक हैं। यानी जरूरी बहुमत से एनडीए के पास 4 विधायक ज्यादा हैं। वहीं आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19, वामपंथी पार्टियों के 16 विधायकों के बूते महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं। अगर उपचुनाव में आरजेडी को 2 सीटों पर जीत मिलती है। तो ये संख्या 112 होती है। इसमें AIMIM के 5 विधायकों को भी जोड़ दें, तो ये संख्या 117 ही होती है। जो जरूरी बहुमत 122 से 5 कम है। ऐसे में तेजस्वी को दो सीटों पर जीत मिलने के बाद भी खेला करना मुश्किल है। वहीं अगर उपचुनाव की दो सीटों पर जेडीयू को जीत मिलती है। तो जेडीयू के पास 45 विधायक होंगे और एनडीए के पास 128 विधायक होंगे, जो बहुमत के आंकड़े से 6 ज्यादा होगा। जबकि महागठबंधन 110 पर ही रहेगा। यानी नीतीश सरकार और मजबूत होगी।

ज़ाहिर है चुनाव में किसी तरह जीत हासिल करने के लिए तेजस्वी खेला करने का दावा कर रहे हैं।


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