चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट सख्त : SBI को 3 दिन का दिया अल्टीमेटम, कहा : साझा करनी होगी हर जानकारी, हलफनामा भी करना होगा दाखिल

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 Supreme Court shows strictness on electoral bonds and gives three days ultimatum to SBI  Supreme Court shows strictness on electoral bonds and gives three days ultimatum to SBI

NEW DELHI :चुनावी बॉन्ड को लेकर SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्ती दिखाते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को 21 मार्च यानी गुरुवार शाम 5 बजे तक सारी जानकारियां साझा करनी होगी। इसके लिए बकायदा एक हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि इलेक्शन कमीशन के पास SBI से जैसे ही जानकारी आती है, वो अपनी वेबसाइट पर उसे अपलोड करे। इस मुद्दे पर कुछ भी छुपाया नहीं जाना चाहिए। सबकुछ सार्वजनिक हो। इसके साथ ही CJI ने SBI से पूछा है कि आपने पूरी जानकारी क्यों नहीं दी? फैसले में स्पष्ट था कि सभी विवरणों का खुलासा किया जाना चाहिए। कोर्ट के आदेशों पर निर्भर मत रहिए. सभी इमेजिनेबल जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए।

'सभी जानकारी का हो खुलासा'

वहीं, SBI की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कृपया उन्हें यह समझाने का मौका दिया जाए कि उन्होंने आदेश को कैसे समझा है। हम चुनावी बॉन्ड के नंबर समेत सभी जानकारी देंगे। बैंक अपने पास मौजूद किसी भी जानकारी को छिपाकर नहीं रखेगा। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई एक हलफनामा दायर कर यह भी बताएगा कि उसने कोई जानकारी नहीं छिपाई है।

इस पर CJI ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनावी बांड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा किया जाए। जो भी जानकारी आपके पास है, सबका खुलासा हो। सीबीआई हमारे आदेश का पालन करें।

इस बीच केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अंतिम उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था और शीर्ष अदालत को पता होना चाहिए कि इस फैसले को अदालत के बाहर कैसे खेला जा रहा है। इस दौरान तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में कुछ निर्देश जारी करने का विचार करने को कहा है। इस मामले में सोशल मीडिया पोस्ट की एक श्रृंखला शुरू हो गई है।

2019 के पहले का डाटा भी किया गया जारी!

गौरतलब है कि हाल ही में इलेक्शन कमीश ने सियासी दलों द्वारा सीलबंद कवर के तहत जमा किए गए चुनावी बांड के विवरण को सार्वजनिक कर दिया। माना जा रहा है कि विवरण 12 अप्रैल 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। इस तारीख के बाद के चुनावी बांड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव पैनल द्वारा सार्वजनिक किए गए थे।

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा था कि राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार सीलबंद कवर में चुनावी बांड का डेटा दाखिल किया था।


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