गया में 'सिंदूर खेला' की रस्म : पारंपरिक तरीके से मां दुर्गा की विदाई, विश्व शांति के लिए महिलाओं ने की कामना

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'Sindoor Khela' ceremony in Gaya 'Sindoor Khela' ceremony in Gaya

GAYA :शहर के दुर्गाबाड़ी परिसर में बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा आज सिंदूर खेला का आयोजन किया गया, जिसमें बंगाली समाज की महिलाएं पूरे पारंपरिक वेशभूषा में एक-दूसरे को सिंदूर लगाते हुए नजर आयीं। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भी की गई। वहीं, नाच-गाकर महिलाओं ने मां दुर्गा को विदाई दी।

गया में सिंदूर खेला की रस्म

इस मौके पर स्थानीय महिला हैप्पी चक्रवर्ती ने कहा कि नवरात्रि के दसवें दिन माता की विदाई होती है। सिंदूर का बंगाली समाज की महिलाओं में काफी महत्व होता है, यही वजह है कि आज हमलोग सिंदूर खेलकर मां दुर्गा को विदाई दे रहे हैं। जिस तरह से बेटी अपने मायके से विदा होती है, उसी तरह से आज हमलोग मां दुर्गा की विदाई कर रहे हैं। एक तरफ जहां मां के जाने का गम है, वहीं अगले वर्ष मां दुर्गा जल्दी आए, इसके लिए हमें खुशी भी है।


महिलाओं ने की पूजा-अर्चना

इसके अलावा मां दुर्गा से हम लोगों ने यह प्रार्थना की है कि आज विश्व में कई देश एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों में भय का माहौल है। पूरे विश्व में शांति आए और लोगों के मन से भय का वातावरण खत्म हो, इसी उद्देश्य के साथ हमलोगों ने पूजा-अर्चना की।


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